HKRN rule changed : हरियाणा सरकार ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम में भर्ती में बदलाव किया है। अब भर्ती होने वाले युवा अपने ही जिले में भर्ती हो सकते हैं।इतना ही नहीं, कोई भी युवा अगर अपने जिले से बाहर जाकर नौकरी करना चाहेगा तो उसे इसका मौका नहीं मिलेगा। अन्य जिलों में कांट्रेक्ट की नौकरी लेने के बाद बदली की कोशिशों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है।
निगम के जरिये दी जा रही भर्तियों पर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बुधवार को विधानसभा में इसका खुलासा किया। उन्होंने कहा, सेम ब्लाक में नौकरी के लिए युवाओं को 10 और साथ लगते ब्लाक में नौकरी के लिए पांच अंकों का लाभ मिलेगा। उसी जिले में नौकरी में किसी तरह के अतिरिक्त अंक नहीं दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि विपक्ष द्वारा इन नौकरियों का लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। सरकार ने वेतन के लिए चार लेवल तय किए हैं। लेवल-1 से 4 तक के हिसाब से वेतन तय होता है। उन्होंने कहा कि ठेकेदारी प्रथा को खत्म करने के लिए निगम (HKRN rule changed) का गठन किया गया। विभिन्न विभागों व बोर्ड-निगमों में ठेकेदारों के माध्यम से लगे 1 लाख 8 हजार युवाओं को निगम के अधीन लाया जा चुका है।
18 हजार के करीब नई भर्तियां सरकार ने निगम के माध्यम से की है। निगम में आने के बाद उनका वेतन समय पर मिलता है। ईपीएफ और ईएसआई के लिए श्रम बोर्ड केलाभ उन्हें दिए जाते हैं। आकस्मिक और मेडिकल अवकाश का भी प्रबंध किया है। उन्होंने कहा कि अगर भर्ती प्रक्रिया में किसी तरह का बदलाव भी करना है तो निगम अथॉरिटी तीन महीने पहले बदलाव करेगी। बदलाव करके उसे पब्लिक किया जाएगा। लोगों के सुझाव और आपत्तियों को दूर किया जाएगा।
इसके बाद नये नियम लागू होंगे। रोहतक विधायक बीबी बत्तरा ने निगम की नौकरियों में एससी-बीसी को आरक्षण नहीं देने का आरोप लगाया। सीएम ने कहा, पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण मिलता है, जबकि वर्तमान में निगम के जरिये लगे कर्मियों में पिछड़ा वर्ग की संख्या 30 प्रतिशत से अधिक है। इसी तरह अनुसूचित जाति के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण होता है।
वहीं निगम में वर्तमान 21 प्रतिशत से अधिक आरक्षण मिला हुआ है। गोहाना विधायक जगबीर सिंह मलिक ने कहा कि ठेकेदारों ने कई विभागों से कर्मचारियों को हटाकर नये रख लिए हैं। इस पर सीएम ने कहा, इसकी (HKRN rule changed) जांच करवाई जाएगी। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, अब तो सरकार ही ठेकेदार बन गई है। कांट्रेक्ट की नौकरी की मतलब ठेकेदारी ही है। वहीं सीएम ने कहा कि सरकार ने प्राइवेट कंपनियों को भी निगम के साथ कनेक्ट किया है।