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Big Achievement : भारतवंशी विज्ञानी ने ब्रह्मांड उत्पत्ति की नई काल गणना, 13.7 अरब नहीं, 27 अरब वर्ष पुराना है ब्रह्मांड

Clin Bold News 

ब्रह्मांड की उत्पत्ति की सबसे प्रचलित थ्योरी बिग-बैंग के बाद भारत ने विज्ञानी ब्रह्मांड उत्पत्ति की नई काल गणना (Big Achievement) की है। बिग-बैंग अनुसार महाविस्फोट के कारण 13.7 अरब वर्ष पहले ब्रह्मांड की उत्पत्ति हुई और तबसे लगातार इसका विस्तार हो रहा है। अब ब्रह्मांड उत्पत्ति की नई व्याख्या प्रस्तुत की गई है। इसमें दावा किया गया है कि ब्रह्मांड की उत्पत्ति करीब 27 अरब वर्ष पहले हुई।
यह दावा कनाडा के ओटावा विश्वविद्यालय में भौतिक विज्ञान विभाग के प्रो. राजेंद्र गुप्ता ने किया है। उनका शोध जुलाई के दूसरे सप्ताह में मंथली नोटिसेस आफ द रायल एस्ट्रोनामिकल सोसाइटी जर्नल में प्रकाशित हुआ है। प्रो. राजेंद्र गुप्ता का प्रयागराज से गहरा नाता है। (Big Achievement)

तैयार की नई थ्योरी
प्रो. राजेंद्र गुप्ता ने बताया कि प्रकाश सिद्धांत के आधार पर उन्होंने पुरानी थ्योरी तथा डाटा पर मंथन करते हुए नया डाटाबेस तैयार किया। शोध में पाया कि सितारों का प्रकाश ब्रह्मांड में यात्रा करते समय अपनी ऊर्जा का बड़ा हिस्सा खो देता है। जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप के जरिए ऐसे सितारों पर शोध कार्य में अध्ययन किया जो सृष्टि की रचना के शुरुआती समय अस्तित्व में थे।
अध्ययन में प्रमाण मिला कि ब्रह्मांड में मौजूद कुछ सूदूर तारों की आयु ब्रह्मांड की मौजूदा आयु से भी अधिक है।

भारतवंशी विज्ञानी ने ब्रह्मांड उत्पत्ति की नई काल गणना, 13.7 अरब नहीं, 27 अरब वर्ष पुराना है ब्रह्मांड
भारतवंशी विज्ञानी ने ब्रह्मांड उत्पत्ति की नई काल गणना, 13.7 अरब नहीं, 27 अरब वर्ष पुराना है ब्रह्मांड

उन सितारों का समाप्त होता प्रकाश विज्ञानियों के पूर्व में लगाए गए अनुमान से काफी ज्यादा हो सकता है। (Big Achievement)
राजेंद्र गुप्ता के अनुसार पूर्व में विज्ञानियों ने जिस आधार पर ब्रह्मांड की उत्पत्ति 13.7 अरब वर्ष पहले बताई थी, उनके आधार से अलग हटते हुए रेड शिफ्ट गैलेक्सी का अध्ययन किया। रेडशिफ्ट घटना उस समय होती है, जब हमसे दूर जा रही वस्तु का प्रकाश स्पेक्ट्रम के लाल सिरे की ओर खिंचता है। इस आधार पर तारों और आकाशगंगाओं में होने वाले रेडशिफ्ट को मापकर ब्रह्मांड की आयु का पता लगाया गया।

प्रयागराज व कानपुर में ली थी शिक्षा (Big Achievement)
राजेंद्र गुप्ता गर्व ने बताया कि ख्यात भारतीय खगोलविज्ञानी प्रो. मेघनाद साहा जिस इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्राध्यापक रहे, उसी विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने का उन्हें भी सुअवसर मिला। राजेंद्र गुप्ता का जन्म पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हुआ था। बाद में उनका परिवार प्रयागराज आ गया था। उन्होंने कक्षा नौ से 12वीं तक पढ़ाई राजकीय इंटर कालेज, बीएससी सीएमपी डिग्री कालेज से और एमएससी तथा पीएचडी इलाहाबाद विश्वविद्यालय से की। आइआइटी कानपुर में भी पढ़ाई की। (Big Achievement)

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