JEE and NEET Exam: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को घोषणा की कि आने वाले वर्षों में जेईई और नीट जैसी केंद्रीय प्रतियोगी परीक्षाओं में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए जाएंगे। इन बदलावों का उद्देश्य परीक्षा की पारदर्शिता और सुरक्षा को बढ़ाना है। अब तक केंद्रीय एजेंसी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित की जाने वाली ये परीक्षाएं, अब राज्य सरकारों के सहयोग से आयोजित की जाएंगी।
जेईई और नीट परीक्षा में बदलाव क्यों जरूरी?
हाल ही में हुई पेपर लीक की घटना ने इस फैसले को जन्म दिया है। शिक्षा मंत्रालय ने जांच रिपोर्ट के आधार पर यह निर्णय लिया है कि भविष्य में इन प्रतियोगिता परीक्षाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी और पारदर्शिता लाने के लिए राज्य सरकारों का सहयोग लिया जाएगा। इस निर्णय से पारदर्शिता बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि ये परीक्षाएं विभिन्न राज्यों में आयोजित होती हैं, और अब राज्य सरकारों को भी इसमें प्रमुख रूप से शामिल किया जाएगा।
राज्य सरकारों का सहयोग
पहले नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) अकेले इन परीक्षाओं का आयोजन करती थी, लेकिन अब राज्य सरकारों के सहयोग से इन परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। इस कदम से, विशेष रूप से परीक्षा के आयोजन के दौरान, राज्य सरकारों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाएगी। इससे राज्य स्तर पर संवेदनशीलता और प्रबंधन में सुधार होगा और पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोका जा सकेगा।
शिक्षा मंत्री का बयान
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “हमारी कोशिश है कि पूरी परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए और राज्यों को इस प्रक्रिया में शामिल किया जाए। इससे परीक्षाओं के आयोजन में पारदर्शिता बढ़ेगी और राज्यों के साथ समन्वय बनाए रखने में मदद मिलेगी।” उन्होंने यह भी कहा कि पेपर लीक की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया है।
नई शिक्षा नीति
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि नई शिक्षा नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए राज्य सरकारों के साथ समन्वय जारी रहेगा। इसके अलावा, उन्होंने झारखंड में शिक्षा के क्षेत्र में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा किए गए प्रयासों का भी उल्लेख किया और भविष्य में इसी दिशा में और कदम उठाने का आश्वासन दिया।