स्वास्थ्य विभाग से मुख्यालय ने मांगी (Jind health) रिपोर्ट
Jind health service upgrade : : ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को घर के नजदीक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलें, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने काम शुरू कर दिया। जिले को सीएचसी, पीएचसी और उपकेंद्र कितने चाहिए रिपोर्ट मांगी। जिले में फिलहाल दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, चार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व 36 सब हेल्थ सेंटर बनाने की योजना है। इन स्वास्थ्य केंद्रों को बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय ने सिविल सर्जन के माध्यम से जनसंख्या के अनुसार आंकड़ा निकलवाकर रिपोर्ट बनाने के आदेश दिए हैं।
मुख्यालय के आदेश के साथ ही स्वास्थ्य विभाग (Jind health service upgrade) ने इस पर कार्य शुरू कर दिया है। जहां पर जनसंख्या के साथ दूरी व भूमि की उपलब्धता के लिए रिकार्ड को खंगाला जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार दो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सफीदों, एक उझाना, एक जींद ब्लाक में बनाना प्रस्तावित है। जबकि एक एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जुलाना व दूसरा उचाना क्षेत्र में बनाना प्रस्तावित है। हालांकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को पहले से चल रहे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को अपग्रेड करके बनाया जाएगा।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए विभाग को ज्यादा मथापच्ची करने की जरूरत नहीं पड़ेंगी, क्योंकि पहले से चल रहे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के पास पहले से ही अपना भवन मौजूद है। जबकि चार बनने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व 36 सब हेल्थ सेंटर के लिए विभाग को जनसंख्या के अनुपात के अलावा भूमि की तलाश करनी है। ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवाओं दुरुस्त नहीं है। लोगों को या तो प्राइवेट में इलाज कराना पड़ता है, या फिर अन्य स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचना पड़ता है। घर से लेकर ओर उपचार कराने तक के बीच में बहुत परेशानियां झेलनी पड़ती है।
स्वास्थ्य विभाग ने घर के नजदीक ही सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं मिले इस पर काम शुरू कर दिया है। जिले के स्वास्थ्य विभाग से रिपोर्ट मांगी गई उन्हें कितनी सीएचसी, पीएचसी और उप केंद्र चाहिए। नियमानुसार जनसंख्या के हिसाब से गांवों का चयन कर लिया है। जहां पर एक लाख आबादी वाले क्षेत्र में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व 30 हजार रुपये आबादी वाले क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाया जाएगा।
इसके अलावा नई बनने वाली सीएचसी व पीएचसी के सात किलोमीटर की दूरी पर पहले से कोई सीएचसी व पीएचसी नहीं होनी चाहिए। इसलिए विभाग जनसंख्या के अनुपात को पूरा करने के लिए आसपास के गांवों की जनसंख्या को जोड़कर काम किया जा रहा है।
स्वीकृति मिलते ही किया जाएगा भूमि का चयन
स्वास्थ्य विभाग ने नई सीएचसी व पीएचसी बनाने का पूरा प्लान तैयार कर लिया है। अब इन गांव की पंचायत से भूमि की डिमांड की जाएगी। जहां पर गांव की पंचायती जमीन को ग्राम पंचायत द्वारा पहले स्वास्थ्य विभाग के नाम पर ट्रांसफर करना होगा। इसके बाद उस जगह पर लोक निर्माण विभाग द्वारा ड्राइंग तैयार करके बजट का एस्टीमेट तैयार किया जाएगा। गांवों में भूमि का भी चयन करना विभाग के लिए यह बड़ी चुनौती बनेगा। क्योंकि अधिकांश गांवों में ग्राम समाज की भूमि पर अवैध कब्जे है। इसके लिए प्रशासन की मदद लेनी पड़ेगी।
पहले स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति
जिले में फिलहाल 25 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बने हुए हैं। इसमें दो अर्बन एरिया में बनाए गए हैं। जबकि जिले में आठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाए गए हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गांव मुआना, कालवा, अलेवा, खरकरामजी, जुलाना, कंडेला, उझाना, दनौदा में बने हुए हैं। जहां पर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं, हालांकि इन केंद्रों पर चिकित्सकों की कमी बनी हुई है।
सिविल सर्जन डा. गोपाल गोयल ने बताया कि जिले में चार पीएचसी व दो सीएचसी बननी प्रस्तावित हैं। इनके निर्माण के लिए संभावनाएं तलाशी जा रही है। जहां पर रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय को भेजा जाएगा। इस पर जिला स्तर पर लगभग काम पूरा हो चुका है और जल्द ही इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाएगी।