Jind jat dharamshala news : जींद की जाट धर्मशाला के प्रधान को फिर से उलझा मामला, सर्वसम्मित से प्रधान चुने गए हरपाल ढुल सभा के सदस्य ही नहीं

Clin Bold News
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Jind jat dharamshala news: The head of Jind's Jat Dharamshala is again in trouble, Harpal Dhul, unanimously elected head, is not a member of the assembly

पांच दिन पहले सर्वसम्मति से हरपाल ढुल को चुना था प्रधान

Jind jat dharamshala news :  अर्बन एस्टेट स्थित जाट धर्मशाला के संचालक जाट धमार्थ सभा के प्रधान पद का मामला एक बार फिर से उलझ गया है। चार दिन पहले खापों की मध्यस्थता से सर्वसम्मति से प्रधान बनाए गए गांव ईक्कस के पूर्व सरपंच हरपाल ढुल जाट धर्मार्थ सभा के सदस्य ही नहीं हैं। इस कारण उनका सभा के प्रधान पद पर चुना जाना सभा के संविधान के अनुसार सही नहीं है। हरपाल ढुल के प्रधान चुनने के बाद जब सभा की सदस्यों की लिस्ट को देखा तो उसमें उनका नाम ही नहीं है, लेकिन उसकी जगह पर उसके भाई शीशपाल ढुल का नाम हैं।

इसी बीच वर्तमान कार्यकारिणी का कार्यकाल 17 फरवरी को पूरा हो गया है। सभा का कार्यकाल पूरा होने के कारण अब सभा की कमान जल्द ही प्रशासक के हाथ में आने वाली हैं। हालांकि अब भी गणमान्य लोगों का प्रधान पद के लिए किसी दूसरे व्यक्ति पर सर्वसम्मति बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

जाट धमार्थ सभा (Jat Dharamarth sabha) के प्रधान पद को लेकर पिछले 18 दिन से चल रहा है। पहले प्रधान पद के चुनाव के लिए बुलाई गई दो बैठकों में कोरम पूरा नहीं हो पाया। चार फरवरी को बुलाई गई बैठक में भी पहले तो कोरम पूरा नहीं हुआ, और फिर सभा के सदस्य दो गुटों में बंट गए थे। तत्कालीन प्रधान देवव्रत ढांडा (Devvrat Dhanda) ने चार फरवरी की बैठक में साफ कर दिया था कि वह प्रधान पद की दौड़ में नहीं हैं, लेकिन इसी बैठक में दूसरे गुट ने छोटूराम किसान शिक्षा समिति के पूर्व प्रधान ईश्वर लोहचब को प्रधान घोषित कर दिया था, लेकिन निर्वाचन अधिकारी बनाए गए शीशपाल लोहान ने असंवैधानिक बताया था।

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दोनों पक्षों की खींचतान को देखते हुए 15 फरवरी को खाप प्रतिनिधियों व सभा के सदस्यों की पंचायत बुलाई गई। जहां पर बिनैन खाप के प्रधान ईश्वन नैन की अध्यक्षता में हुई पंचायत में 11 सदस्यीय कमेटी गठित की गई। जहां पर कमेटी के समक्ष 18 लोगों ने प्रधान बनने की इच्छा जताई थी। कमेटी ने इक्कस गांव के पूर्व सरपंच हरपाल ढुल (Harpal dhull) को प्रधान बनाया था। जहां पर कमेटी के फैसले पर पंचायत में शामिल लोगों ने सहमति जता दी थी। निवृत्तमान प्रधान देवव्रत ढांडा तथा ईश्वर लोहचब ने हरपाल ढुल को पगड़ी पहनाकर प्रधान पद सौंप दिया था। अब जब हरपाल ढुल के नाम पर डीआइसी कार्यालय (DIC Office) में देने के लिए 2971 लोगों की सूची देखी तो उसमें हरपाल ढुल का नाम ही नहीं था। यह जरूर है कि हरपाल ढुल के भाई शीशपाल जाट सभा के सदस्य हैं।

पंचायत में इक्कस गांव के हरपाल ढुल को जाट धर्मार्थ सभा (jat dharamshala) का  प्रधान बनाया था। यह लोग अब किसी तरह डैमेज कंट्रोल करने में लगे हैं। इन लोगों ने जाट धर्मार्थ सभा के निवृतमान प्रधान देवव्रत ढांडा से लेकर हरपाल ढुल और अन्य सदस्यों से बात की है। इसमें हरपाल ढुल ने यह मान लिया है कि वह जाट सभा के सदस्य नहीं हैं। डैमेज कंट्रोल में जुटे लोग अब बीच का कोई रास्ता निकालने में लगे हैं, जिसमें सभा के प्रधान पद पर सर्वसम्मति से किसी और की ताजपोशी की जाए।

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फिर पैदा हो सकता है बड़ा विवाद
जाट धर्मार्थ सभा के (jat dharamshala) प्रधान पद को लेकर फिर कोई बड़ा विवाद पैदा हो सकता है। वर्तमान कार्यकारिणी का कार्यकाल 17 फरवरी तक का था। यह कार्यकाल पूरा हो चुका है। नई कार्यकारिणी का गठन अभी तक नहीं हुआ है। अब या तो नए सिरे से सभा के आजीवन सदस्यों की बैठक बुलाकर उसमें सर्वसम्मति से नया प्रधान चुनना होगा, या फिर चुनाव करवाना होगा।

हरपाल ढुल ने माना, वह नहीं सभा के सदस्य
जाट धमार्थ सभा (jat dharamshala) के प्रधान चुने गए हरपाल ढुल ने कहा कि वह सभा के आजीवन सदस्य नहीं है। प्रधान बनने से पहले उन्होंने सूची नहीं देखी थी। जिस समय सदस्य बन रहे थे तो उसके भाई को भेजा था और वहां पर उसके नाम की जगह पर भाई शीशपाल ढुल को सदस्य बना दिया। इस कारण वह प्रधान नहीं बन सकते। आपस में बैठकर बात की जा रही है और कोई रास्ता निकालने का प्रयास हो रहा है।

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