Jind news water samples : डायरिया फैलने से रोकने के लिए सिविल सर्जन ने जारी की एडवाइजरी
Jind news water samples : शहर के सार्वजनिक स्थलों पर टंकी लगाकर बनाई गई प्याऊ लोगों की प्यास बुझाने की जगह पर बीमारी परोस रहे हैं। शहर में 100 से अधिक सार्वजनिक जगहों पर संस्थाओं द्वारा प्याऊ बनाए गए हैं। जहां पर प्याऊ (Jind news) बनाने के वर्षों बाद भी इनकी सफाई नहीं की गई है। इसके अलावा सरकारी कार्यालयों के ऊपर लगी पानी की टंकियों की सफाई भी सालों से नहीं हुई हैं और कार्यालय में आने वाले लोग इसी पानी का प्रयोग कर रहे हैं। जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा शहर में ट्यूबवेलों के जरिये जो पानी सप्लाई किया जा रहा है वह बैक्टीरिया से युक्त है।
पानी में बैक्टीरिया को मारने के लिए जो हाईपो क्लोराइड (Jind news water samples) की दवाई मिलाई जाती है, वह कई कालोनियों में सप्लाई के दौरान नहीं मिली, जिसके कारण बैक्टीरिया नहीं मर रहे। लोगों द्वारा बैक्टीरिया युक्त पानी पीने के चलते स्वास्थ्य विभाग को डायरिया फैलने का डर बना हुआ है। इसलिए सिविल सर्जन की तरफ जिले के सभी नगर परिषद, नगर पालिका सहित 30 विभागों के मुखियों को पत्र लिखकर पानी की टंकियों की सफाई करने के लिए कहा है, ताकि गर्मी के इस मौसम में उल्टी, दस्त के मरीज बढ़ने से रोका जा सके।
स्वास्थ्य विभाग (Jind water sampling news) द्वारा पिछले एक साल में पानी के किए गए 1359 आर्थोटोलिडाइन टेस्ट में 469 सैंपल अनफिट मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा लिए गए इन सैंपल में हाईपो क्लोराइड की मात्रा नहीं मिली। पिछले एक साल में बैक्ट्रीरियोलाजिकल टेस्ट के लिए 205 सैंपल लिए गए। इसमें नौ सैंपल अनफिट मिले हैं।
अब गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है। यदि पानी में हाईपो क्लोराइड (Jind news water samples) की मात्रा कम या नहीं होगी तो बैक्टीरिया नहीं मर पाएंगे और उससे पानी जनित बीमारियां पीलिया, डायरिया, उल्टी, दस्त, बुखार आदि की शिकायत हो सकती है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा यदि पिछले तीन माह की आर्थोटोलिडाइन टेस्ट रिपोर्ट देखी जाए तो 167 सैंपल लिए गए थे, जिसमें 71 की रिपोर्ट नेगेटिव मिली। बैक्ट्रीरियोलाजिकल टेस्ट में 20 सैंपल लिए गए। इसमें 13 अनफिट मिले हैं। जबकि पांच की रिपोर्ट आना शेष है।
क्लोरीन कम होने से हो सकती हैं बीमारियां
पेट के रोग
डायरिया
उल्टी, दस्त
बुखार
पीलिया
हैजा
विभाग द्वारा एक साल में लिए गए सैंपल व उनकी रिपोर्ट (अप्रैल 2023 से अप्रैल 2024)
बैक्ट्रोलोजिकल टेस्ट
सैंपल लिए गए -फिट -अनफिट
-205 -190 -9
आर्थोटोलिडाइन टेस्ट
सैंपल लिए गए -फिट -अनफिट
-1359 -890 -469
पिछले तीन माह में लिए गए सैंपलों की रिपोर्ट (Jind water sample report)
आर्थोटोलिडाइन टेस्ट
सैंपल लिए गए -फिट -अनफिट
-167 -96 -71
बैक्ट्रोलोजिकल टेस्ट
सैंपल लिए गए -फिट -अनफिट
-20 -2 -13
पानी में क्या काम करता है क्लोरिन तथा हाईपो क्लोराइड (jind me paani k sample)
पानी में कोलीफार्म बैक्टीरिया होता है। इसे नष्ट करने के लिए पानी में क्लोरीन या हाईपो क्लोराइड को मिलाया जाता है। क्लोरीन नहरी क्षेत्र आधारित वाले पानी में मिलाया जाता है जबकि हाईपो क्लोराइड ट्यूबवेल से सप्लाई होने वाले पानी में पंप से मिलाया जाता है। पानी में क्लोरीन या हाईपो क्लोराइड की स्थिति की जांच टेल पर पहुंचने वाले पानी के जरिये की जाती है। टेल पर ओटी टेस्ट पाजिटिव मिलने पर ही माना जाता है कि सही मात्रा में क्लोरीन या हाईपो क्लोराइड मिली है।
टेल तक क्लोरीनयुक्त या हाईपो क्लोराइड युक्त पानी पहुंचाने के लिए जल संस्थानों में जगह-जगह क्लोरिन या हाईपो क्लोराइड मिलाने वाले डोजर लगा रखे हैं। 10 लाख लीटर पानी में 600 ग्राम हाईपो क्लोराइड की मात्रा मिलाई जाती है ताकि पानी शुद्ध किया जा सके।
स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी (jind health advisory)
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला में एडवाइजरी जारी करते हुए सार्वजनिक स्थानों पर पीने के पानी के लिए रखी टंकियों को साफ करवाने के निर्देश जारी किए गए हैं। सिविल सर्जन डा. गोपाल गोयल (Civil sergeon Dr Gopal Goyal) ने बताया कि गर्मी के मौसम के मध्यनजर सार्वजनिक स्थानों, कार्यालयो में दूषित पानी सप्लाई होने से उल्टी दस्त होने की आशंका रहती है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सतर्कता बरतते हुए समय-समय पर ऐसे सभी स्थानों से पीने के पानी के सैंपल लेकर जांच के लिए भिजवाया जा रहे है।
इस संबंध में उन्होंने विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी को जिला में लागू करवाने को लेकर विभागाध्यक्षों, संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ-साथ आमजन से अनुरोध है कि वे अपने कार्यालयों तथा सार्वजनिक स्थलों पर या उनके आसपास पीने के पानी की जो भी टंकियां रखी हुई है, उन सभी को साफ करवाएं यदि किसी टंकी का ढक्कन आदि नहीं है तो उस टंकी पर ढक्कन भी लगवाएं ताकि बंदर या अन्य कोई जीव-जंतु पीने के पानी को दूषित न कर पाए। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया है कि पीने के पानी की टंकियों का प्रत्येक सप्ताह में एक बार निरीक्षण भी करवाएं।