New initiative from Jind : न्याय पंचायत व्यवस्था फिर से देश भर में लागू होनी चाहिए ।
New initiative from Jind : पंचायती राज दिवस के मौके पर ग्राम एसोसिएशन आफ भारत का गठन किया गया है। इसमें देश के हर राज्य से सरपंच ने भागेदारी की। बीबीपुर गांव के पूर्व सरपंच सुनील जागलान को एसोसिएशन का शेरपा बनाया गया। जागलान के अनुसार देश में पहली बार ऐसा संगठन खड़ा किया गया है। महाराष्ट्र से सुजाता, जम्मू से कुलदीप सिंह, बिहार से बबीता, ओड़िसा से आरती देवी, उत्तर प्रदेश से अभिषेक सिंह, सिक्किम से निमकित,मध्यप्रदेश से रोहित तिवारी और तेलंगाना से श्रीनिवास को सदस्य बनाया गया है।
सुनील जागलान (Sunil Jaglan jind) ने बताया कि देश में कहीं पर सरपंच, मुखिया , प्रधान व अन्य शब्दों का प्रयोग किया जाता है। इसलिए ग्राम एसोसिएशन में उन्हें ग्राम प्रतिनिधियों ने ग्राम शेरपा शब्द की उपाधि दी है। पिछले दो साल में उन्होंने 30 हजार से अधिक सरपंचों के साथ वार्ता की है। इसके बाद फैसला लिया गया कि देश को पंचायत के एक ऐसे मंच की जरूरत है, जिसमें देश के हर हिस्से से पंचायत प्रतिनिधि शामिल हों।
सुनील जागलान पिछले 13 वर्षों से लगातार देश के अलग अलग राज्यों में जाकर पंचायत प्रतिनिधियों के कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। जागलान ने बताया कि आज संविधान में पंचायत और नगर पालिका को स्थानीय सरकार के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है। संविधान की 11वीं अनुसूची के माध्यम से पंचायत को 29 विषयों का प्राधिकार दायित्व सौंपा गया है। स्थानीय सरकार सातवीं अनुसूची के अनुसार राज्य का विषय है ऐसे में संबंधित विषयों पर संविधान ने प्राधिकार तथा दायित्व सौंपने की जिम्मेदारी राज्य विधान मंडलों को सौंपा है।
वर्तमान वस्तु स्थिति में संविधान के उपरोक्त प्रावधान एवं निर्देश के प्रतिपक्ष में अधिकांश राज्यों में वास्तविक अर्थ में अभी तक सत्ता के विकेंद्रीकरण की प्रक्रिया अधूरी है। कुछ राज्यों में तो नहीं के बराबर है। सुनील जागलान (Jind Sunil Jaglan) ने कहा कि न्याय पंचायत व्यवस्था फिर से देश भर में लागू होनी चाहिए। यह बेहतरीन व्यवस्था समाप्त कर दी गई है और गांव के प्रमुख को एक ही शब्द सरपंच से पहचान मिलनी चाहिए। कहीं पर मुखिया कहीं पर ग्राम प्रधान, कहीं पर विलेज प्रेसिडेंट (Village President) नाम से जाना जाता है।
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