Kisan Andolan Breaking: यमुना एक्सप्रेसवे पर किसानों का विरोध एक बार फिर सुर्खियों में है। गौतमबुद्ध नगर में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) द्वारा बुलाए गए महापंचायत के बाद किसानों ने जीरो पॉइंट पर धरना शुरू किया था, जिसे प्रशासन ने समाप्त करवा दिया। इस धरने में शामिल कई किसान नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया, जिससे क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया है।
किसान आंदोलन ने यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट पर एक नया मोड़ लिया है। किसानों का यह धरना भूमि अधिग्रहण, मुआवजे की विसंगतियों और उनके अधिकारों के लिए था। हालांकि, प्रशासन ने देर रात किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया, और इस प्रकार धरना समाप्त हो गया। इसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अराजकता पर कड़ी चेतावनी दी और सख्त निर्देश जारी किए।
प्रशासन ने किसानों से धरना समाप्त करने को कहा, और फिर किसान नेताओं को हिरासत में लिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अराजकता को बर्दाश्त न करने का सख्त निर्देश दिया। किसानों के धरने के बाद क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है।
किसान नेता इस कार्रवाई को लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन मानते हुए आंदोलन जारी रखने की बात कह रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता ने कहा कि प्रशासन का कदम पूरी तरह से गलत है, और किसान अपनी मांगों को लेकर संघर्ष जारी रखेंगे।
किसान इस विरोध प्रदर्शन में भूमि अधिग्रहण और मुआवजे के मुद्दों को लेकर खड़े हुए हैं। उनका कहना है कि स्थानीय प्रशासन ने उनकी भूमि का अधिग्रहण किया है, लेकिन उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। इसके अलावा, कई किसान भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी से भी नाखुश हैं।
गौतमबुद्ध नगर में किसानों और प्रशासन के बीच इस गतिरोध ने प्रदेश की राजनीति में भी उबाल ला दिया है। इस मामले में प्रमुख किसान नेताओं की अनुपस्थिति में उनके परिजनों और समर्थकों ने महापंचायत को संबोधित किया। राकेश टिकैत की अनुपस्थिति में उनके बेटे गौरव टिकैत ने किसानों को संबोधित किया। वहीं, राकेश टिकैत ने पुलिस को चकमा देकर यमुना एक्सप्रेसवे पर पहुंचने की कोशिश की, जिससे इस आंदोलन की राजनीतिक रूप से और भी अहमियत बढ़ गई है।
इससे पहले, 4 दिसंबर को नोएडा में दलित प्रेरणास्थल पर शांति भंग करने के आरोप में संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, शाम को पुलिस ने उन्हें रिहा कर दिया था। इस दौरान 160 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन कई बुजुर्ग, महिलाएं और बीमार लोग जेल के गेट से मुचलके पर छोड़ दिए गए थे।