Movie prime

सीआरएसयू को नहीं मिली राहत, स्थाई भर्तियों पर रोक जारी

विश्वविद्यालय में टीचिंग के 100 में से 80 पदों पर नहीं है स्थाई स्टाफ
 
सीआरएसयू को नहीं मिली राहत, स्थाई भर्तियों पर रोक जारी
प्रदेश सरकार ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, एमडीयू सहित कुछ अन्य विश्वविद्यालयों में स्थाई भर्तियां करने की स्वीकृति का पत्र जारी किया था। लेकिन उसमें चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय का नाम शामिल नहीं था। विश्वविद्यालय में 100 से ज्यादा टीचिंग और नान टीचिंग स्टाफ के पदों पर भर्ती होनी है। विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने भर्तियों पर रोक लगाई थी।

हरियाणा के जींद जिले में बनी चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय (सीआरएसयू) को हरियाणा सरकार ने राहत नहीं दी हैं। जबकि प्रदेश की अन्य विश्वविवद्यालयों को भर्ती करने की अनुमति दे दी हैं। सीआरएसयू में टीचिंग और नान टीचिंग स्टाफ की स्थाई भर्तियों पर अभी रोक जारी रहेगी। जहां प्रदेश की दूसरे विश्वविद्यालय के लिए उच्चतर शिक्षा विभाग की तरफ से भर्ती पर रोक हटाने का पत्र जारी कर दिया, वहीं सीआरएसयू के लिए पत्र जारी किया हैं कि अभी इस विश्वविद्यालय में भर्ती पर रोक रहेगी।

प्रदेश सरकार ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, एमडीयू सहित कुछ अन्य विश्वविद्यालयों में स्थाई भर्तियां करने की स्वीकृति का पत्र जारी किया था। लेकिन उसमें चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय का नाम शामिल नहीं था। विश्वविद्यालय में 100 से ज्यादा टीचिंग और नान टीचिंग स्टाफ के पदों पर भर्ती होनी है। विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने भर्तियों पर रोक लगाई थी।

सीआरएसयू की तरफ से सरकार से भर्तियां करने की अनुमति मांगी गई थी। साल 2014 में अस्तित्व में आए चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में टीचिंग स्टाफ के 100 से ज्यादा पद स्वीकृत हैं। जिनमें से करीब 80 पदों पर स्थाई स्टाफ नहीं है। अनुबंध के स्टाफ के सहारे ही व्यवस्था चल रही है। स्थाई स्टाफ ना होने की वजह से काफी दिक्कत आ रही है।

पूर्व वीसी मेजर जनरल रणजीत सिंह के समय स्थाई भर्तियां करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। लेकिन विवादों के कारण भर्तियां नहीं हो पाई थी। उसके बाद वीसी रहे प्रोफेसर आरबी सोलंकी और डा. रणपाल सिंह के समय भी भर्तियां करने की प्रक्रिया चली, लेकिन सिरे नहीं चढ़ पाई। प्रोफेसर आरबी सोलंकी के समय कुछ पदों पर स्थाई स्टाफ की नियुक्ति हुई थी।

उस समय विश्वविद्यालय के ही प्रोफेसर संदीप बेरवाल ने भर्तियों में अनियमितताओं के आरोप लगाए गए थे। जिसकी शिकायत राज्यपाल और प्रदेश सरकार से की गई थी। उस दौरान काफी विवाद भी हुआ था और भर्तियों पर रोक लगा दी गई थी। तत्कालीन रजिस्ट्रार राजेश पूनिया को सरकार ने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही हटा दिया था और प्रोफेसर आरबी सोलंकी के समय हुई भर्तियों की विजिलेंस जांच भी करवाई गई थी।

पूर्व वीसी डा. रणपाल सिंह के कार्यकाल में साल 2023 में 50 से ज्यादा टीचिंग स्टाफ के पदों पर भर्तियों के लिए आवेदन भी मांगे गए थे। लेकिन तकनीकी कारणों से प्रक्रिया बीच में रुक गई। उसके बाद पिछले साल टीचिंग स्टाफ के करीब 70 पदों पर और नान टीचिंग के पर भर्ती की स्वीकृति मिली थी।

टीचिंग स्टाफ के पदों पर नियुक्ति के लिए विधानसभा चुनाव के दौरान विश्वविद्यालय प्रबंधन ने साक्षात्कार के लिए उम्मीदवारों को बुला भी लिया था। लेकिन एबीवीपी ने आचार संहिता का हवाला देते हुए भर्तियां किए जाने का विरोध किया। उसके बाद उच्चतर शिक्षा विभाग की तरफ से भर्तियों पर रोक लगा दी गई थी। अभी आगामी आदेशों तक भर्तियाें पर रोक रहेगी।

कार्यकाल पूरा होने से पहले वीसी दे चुके इस्तीफा

डा. रणपाल सिंह कार्यकाल पूरा होने से पहले ही पिछले साल दिसंबर में वीसी के पद से इस्तीफा दे चुके हैं। डा. रणपाल सिंह पूर्व मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के करीबी थे और भाजपा- जजपा गठबंधन सरकार के समय उनकी नियुक्ति हुई थी। इस्तीफा देने के पीछे निजी कारण बताए गए थे।

लेकिन असल वजह उन पर इस्तीफा देने का सरकार की तरफ से दबाव था। उनकी जगह नए वीसी की नियुक्ति नहीं हुई है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र के वीसी प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के पास चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय का अतिरिक्त कार्यभार है।

स्थाई भर्तियों के लिए नहीं मिली है अनुमति

रजिस्ट्रार प्रोफेसर लवलीन मोहन ने बताया कि विश्वविद्यालय में स्थाई भर्तियों पर रोक लगी हुई है। भर्तियां करने को लेकर सरकार से अनुमति मांगी हुई है। अभी अनुमति नहीं मिली है। टीचिंग और नान टीचिंग स्टाफ में काफी पदों पर स्थाई स्टाफ नहीं हैं। अनुबंध पर स्टाफ रखा हुआ है। जैसे ही सरकार से अनुमति मिलेगी, भर्तियों की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।