बजट सत्र में पुरानी पेंशन बहाल नहीं की गई तो ये होगा कर्मचारियों का अगला स्टेप
Old Pension Scheme Haryana : पुरानी पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा के बैनर तले रविवार को जींद के एकलव्य स्टेडियम में हुई पेंशन संकल्प महारैली में प्रदेश भर से कर्मचारी व अधिकारियों ने भाग लिया। रैली में फैसला लिया गया कि 20 फरवरी को शुरू हो रहे बजट सत्र में पुरानी पेंशन बहाल नहीं की गई, तो प्रदेश के तीन लाख से अधिक नियमित कर्मचारी, दो लाख पेंशनर्स, एक लाख केंद्रीय कर्मचारी मिलकर वोट फोर ओपीएस की मुहिम चलाएंगे और अपने वोट से सत्ता पलटने का काम करेंगे। राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा (Dipender Hooda) भी रैली में पहुंचे और कहा कि अगर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई, तो कानून बनाकर पुरानी पेंशन बहाल की जाएगी। ताकि भविष्य में सरकार बदलती है, तो पेंशन योजना को बंद नहीं किया जाए।
समिति (Old Pension Scheme) के प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनूप लाठर ने कहा कि प्रदेश के 5200 से अधिक गांवों में और शहरों में वार्ड स्तर पर कमेटियां गठित कर दी हैं। जो हर घर जाकर एनपीएस (NPS) की नीति से जनता को अवगत करवाएंगी। पुरानी पेंशन उनका हक है और इसे वह लेकर रहेंगे। सत्तासीन नेता, मंत्री खुद कई कई पेंशन लेते हैं, जबकि कर्मचारियों की पेंशन को सरकारी खजाने पर बोझ बताते हैं। वर्ष 2018-19 के सरकारी आंकड़े के अनुसार सैकड़ों की संख्या में पूर्व विधायकों की पेंशन पर सालाना 213 करोड़ रुपये खर्च किए गए। वहीं सेवाकाल के दौरान या रिटायर होने के बाद मृत कर्मचारियों के लगभग एक लाख आश्रित परिवारों को मिलने वाली फैमिली पेंशन पर सालाना 661 करोड़ रुपये खर्च हुए। 2019-20 में पूर्व विधायकों के लिए पेंशन की राशि 33 से बढ़कर 284 करोड़ हो गई।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि जब एक महिला कोच ने कैबिनेट के मंत्री पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था। इस प्रकरण के बाद बिना जांच के ही विधानसभा में सीएम मनोहर लाल ने हाथ थपथपाते हुए कहा था, कैबिनेट मंत्री हैं और कैबिनेट मंत्री रहेंगे। उसी तरह वह भी कह रहे हैं कि हरियाणा में बदलाव होगा और पुरानी पेंशन योजना मिलेगी। जब हरियाण से अर्थव्यवस्था में कमजोर छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में पुरानी पेंशन मिल रही है, तो हरियाणा के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन (OPS) का लाभ मिलना चाहिए। दीपेंद्र हुड्डा होडल रैली से सीधे हेलिकाप्टर से जींद पहुंचे थे। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा की सारी भर्तियों में बाहर के लोगों को नौकरी पर लगाया जा रहा है, चाहे वह लेक्चरर की भर्ती हो, एसडीओ, टैक्निकल भर्ती हो, ऐसा न हो कि आगामी चुनावों में मनोहर लाल को वोट भी बाहर से ही मांगने पड़ें।
पुरुषों के बराबर पहुंची महिला शक्ति, सफीदों रोड पर रही जाम की स्थिति
एकलव्य स्टेडियम (Jind Eklavya stadium) में पेंशन संकल्प महारैली में प्रदेश के सभी जिलों से कर्मचारी और अधिकारी परिवार सहित पहुंचे। इसमें एक खास बात ये रही कि पुरुषों के बराबर महिला शक्ति रैली में पहुंची। दूसरे जिलों से कर्मचारी बस, क्रूजर, कार, निजी वाहन लेकर पहुंचे थे, जिसके चलते सफीदों रोड पर जाम की स्थिति रही।
नरवाना, हांसी, बरवाला वाली बसें शहर के बीच की बजाय बाईपास से बस अड्डे तक पहुंची। प्रदेश भर से पहुंचे कर्मचारियों ने पेंशन बहाली संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल (Vijender Dhariwal) के नेतृत्व में पेंशन बहाली की आवाज को बुलंद किया। एकलव्य स्टेडियम में कुर्सियों की बजाय धरती में ही मैट बिछाए गए थे, इसके बावजूद स्टेडियम लोगों से खचाखच भरा हुआ था।
प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल और वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनूप लाठर (Anoop Lather), ऋषि नैन ने कहा कि कर्मचारी इससे पहले भी संघर्ष समिति के बैनर तले लगातार धरने प्रदर्शन, भूख हड़ताल विरोध प्रदर्शन कर चुके है। पिछले वर्ष 19 फरवरी को मुख्यमंत्री आवास के घेराव में पंचकूला पहुंचे थे, तब मुख्यमंत्री के साथ हुई वार्ता में 20 फरवरी को तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। उसके बाद 3 मार्च 2023 को कमेटी के साथ हुई वार्ता में संघर्ष समिति ने समस्त आंकड़े कमेटी के सामने पेश किए, जिसमें कमेटी ने तथ्यों को सही माना और जल्द ही मीटिंग का आश्वासन दिया था परंतु एक वर्ष बीत जाने के बाद भी कमेटी की तरफ से अगली वार्ता की कोई सूचना पेंशन बहाली संघर्ष समिति को नही मिली, जिससे हरियाणा प्रदेश के सभी विभागों व कर्मचारियों में बहुत गहरा रोष है।
धारीवाल ने कहा कि सरकार दमनकारी और तानाशाही नीति अपनाकर कर्मचारियों को उनके संवैधानिक हक से वंचित रख रही है। हरियाणा का कर्मचारी ये शोषण कभी सहन नहीं करेगा और अपने हक के लिए वोट की चोट के लिए भी तैयार है। अनूप लाठर, ऋषि नैन, जोगेंद्र लोहान ने कहा कि अगर हरियाणा सरकार 20 फरवरी से चलने वाले बजट सत्र में कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल नहीं करती है तो हरियाणा में राज्य सरकार के तीन लाख से अधिक नियमित कर्मचारी, दो लाख पेंशनर्स और एक लाख केंद्रीय कर्मचारी मिलकर कुल छह लाख परिवार आगामी चुनावों के लिए वोट फोर ओपीएस की मुहिम चलाएंगे।