pashu beema yojana : केंद्र सरकार ने पशुधन बीमा को भी सरल बनाया है। पशुपालकों को अब प्रीमियम के हिस्से का 15 प्रतिशत ही देना होगा। शेष राशि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा 60 और 40 के अनुपात में देय होगी। पहाड़ी राज्यों में केंद्र सरकार 90 प्रतिशत प्रीमियम देगी। बीमा किए जाने वाले पशुओं की अधिकतम संख्या भी बढ़ा दी गई है। भेड़ और बकरी के लिए पांच मवेशी की जगह अब संख्या 10 कर दी गई है। इससे पशुपालकों को न्यूनतम राशि चुकाकर अपने बहुमूल्य पशुओं का बीमा कराने में सुविधा होगी।
केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय पशुधन मिशन को विस्तार दिया है। घोड़ा, गधा, खच्चर एवं ऊंट से संबंधित उद्यमिता के लिए व्यक्तियों, एफपीओ एवं कंपनियों को अब 50 लाख तक की सहायता दी जाएगी, जिसकी लगभग आधी राशि अनुदान की होगी। साथ ही इन पशुओं के नस्ल संरक्षण के लिए भी सहायता दी जाएगी। नस्ल में सुधार एवं प्रजनन फार्म के लिए 10 करोड़ रुपये तक की मदद दी जाएगी।
इसके अतिरिक्त चारा बीज प्रसंस्करण, भंडारण एवं चारागाह को प्रोत्साहित करने के लिए निजी कंपनियों, स्टार्ट-अप, एफपीओ एवं सहकारी समितियों को 50 लाख तक की पूंजी 50 प्रतिशत की सब्सिडी पर दी जाएगी। इससे चारा से संबंधित आधारभूत संरचना विकसित की जा सकती है। शेष राशि की व्यवस्था लाभार्थी द्वारा बैंकों या अपने स्तर से की जा सकती है। चारागाह क्षेत्रों को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार को गैर-वन भूमि, बंजर, गैर कृषि योग्य भूमि में विस्तार के लिए सहायता दी जाएगी। इससे देश में चारे की उपलब्धता बढ़ेगी।