Pension stuk haryana : विद्यार्थियों को भी आ सकती है दिक्कत, तुरंत करवा लें ये काम
Pension stuk haryana and Jind: परिवार पहचान पत्र में बैंक खाते अपडेट नहीं होने के कारण जिले में चार हजार से ज्यादा बुजुर्गो, विधवा महिलाओं और दिव्यांग लाभार्थियों की पेंशन अटकी हुई है। परेशान लोग कभी कामन सर्विस सेंटर तो कभी एडीसी कार्यालय चक्कर काट रहे हैं लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। दो माह से भी ज्यादा समय से पोर्टल पर खाता अपडेट करने की अपील डाली गई है, लेकिन ये अभी तक लंबित ही हैं। अगले माह से विद्यार्थियों के दाखिले शुरू होने जा रहे हैं, ऐसे में विद्यार्थियों की छात्रवृति भी रूकने के आसार हैं, क्योंकि परिवार पहचान पत्र में दिए गए बैंक खाते के अनुसार ही छात्रवृति आएगी।
जिले में तीन लाख 30 हजार से ज्यादा लोगों के परिवार पहचान पत्र (Family id) बने हुए हैं। राशन कार्ड (Ration card) से लेकर सरकार की तरफ से दी जाने वाली सारी योजनाएं परिवार पहचान पत्र (PPP) के साथ जोड़ दी गई हैं। इनमें समाज कल्याण विभाग द्वारा दी जाने वाली बुढ़ापा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, विधवा पेंशन, लाडली योजना, आश्रित पेंशन स्कीम (Old age pansion) समेत कई तरह की योजनाएं हैं। इसके अलावा अब विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति योजना को भी पीपीपी के साथ जोड़ा गया है। इसमें विद्यार्थी के परिवार पहचान पत्र में दिए (Pension stuk) गए बैंक खाते में ही छात्रवृत्ति आएगी।
सरकार ने परिवार पहचान पत्र के जरिए सरकारी योजनाओं का लाभ देना शुरू कर दिया है, लेकिन जमीनी स्तर पर लाभार्थी इससे वंचित रह रहे हैं। परिवार पहचान पत्र में क्रीड द्वारा बैंक खाते अपडेट नहीं किए जाने की वजह से बुजुर्गों की पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। बुजुर्ग बैंक और सरल केंद्र के साथ-साथ एडीसी कार्यालय (adc offfice jind) के चक्कर काट रहे हैं। इसकी वजह से उनकी टेंशन (Pension stuk) बढ़ रही है। इनमें बैंक ने तो अपडेट कर दी है, लेकिन क्रीड पीपीपी में नहीं किया जा रहा है।
पोर्टल पर अपील के दो से तीन माह बाद भी नहीं समाधान
सरकार द्वारा दावा किया जा रहा है कि किसी के परिवार पहचान पत्र (PPP) में अगर खामी है और वह इसे दुरुस्त करवाना चाहता है तो सीएससी पर जाकर पोर्टल पर अपील डाल दे, इससे उनका समाधान हो जाएगा लेकिन क्रीड के पोर्टल पर हजारों शिकायत ऐसी हैं, जिन्हें दो से तीन माह हो गए हैं लेकिन समाधान नहीं हो पाया है। परेशान लोग एडीसी कार्यालय आते हैं तो यहां उन्हें कहा जाता है कि चंडीगढ़ से ही समाधान होगा।
दरअसल जिन बुजुर्गों की पेंशन को पांच साल से ज्यादा समय हो गया है, उनके बैंक के आइएफएससी कोड बदले हुए हैं और परिवार पहचान पत्र जो डेटा उठा रहा है, उसमें पुराने कोड ही हैं, इसलिए ज्यादा लाभार्थियों ने आइएफएससी कोड बदलवाने के लिए भी अपील डाली हुई है। इसके अलावा परिवार पहचान पत्र अलग करवाते समय, आय प्रमाणित करवाते समय कुछ खामी रह जाती है तो वो भी लंबित पड़ी हैं।
परिवार पहचान पत्र (PPP) को विलय करने और अलग-अलग करने के विकल्प भी काफी समय से बंद पड़ें हैं और इनके नहीं खुलने से लोगों को काफी परेशानी आ रही है। शुरूआत में दो अलग-अलग परिवार पहचान पत्र को विलय करने और एक परिवार पहचान पत्र को अलग-अलग करने का विकल्प खोला गया था, जिसमें लोगों ने आनलाइन अपील डाली लेकिन अब पाेर्टल पर यह आप्शन काफी समय से बंद पड़ा है। विभागीय वेबसाइट पर आप्शन आ रहा है लेकिन यह हाइलाइट हो रखा है, जिस पर क्लिक नहीं हो रहा।
जींद के एडीसी डा. हरीश वशिष्ठ (Jind Adc Dr. Harish Vasisth) का कहना है कि मुख्यालय और सरकार के संज्ञान में ये मामला है और जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करवा दिया जाएगा। जिला स्तर पर परिवार पहचान पत्र से संबंधित कोई भी समस्या लंबित नहीं रहने दी जा रही। सभी कमियों को दुरुस्त किया जा रहा है।