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OPS Haryana : हरियाणा के जींद में 11 फरवरी को जुटेंगे एक लाख से ज्यादा कर्मचारी, ले सकते हैं बड़ा फैसला

 
OPS Haryana : हरियाणा के जींद में 11 फरवरी को जुटेंगे एक लाख से ज्यादा कर्मचारी, ले सकते हैं बड़ा फैसला
वोट फोर ओपीएस की मुहिम की होगी शुरूआत, जींद में प्रदेश अध्यक्ष ने की प्रेस वार्ता OPS Haryana : पेंशन बहाली संघर्ष समिति द्वारा हरियाणा में ओपीएस के मुद्​दे को लेकर जींद के एकलव्य स्टेडियम में 11 फरवरी को संकल्प महारैली का आयोजन किया जाएगा। इसमें हरियाणा (OPS Haryana) के प्रत्येक जिले से कर्मचारी पहुंचेंगे। संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल ने जींद में पत्रकार वार्ता करते हुए दावा किया कि वोट फोर ओपीएस के लिए एक लाख से ज्यादा सभी विभागों के कर्मचारी और अधिकारी इस महारैली में पहुंचेंगे। जींद के एक निजी होटल में पत्रकारों से बात करते हुए प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनूप लाठर, रिसर्च हेड रमेश जांडली, वजीर गांगोली, जाेगेंद्र लोहान, देवीलाल जुलानी, सतीश ने बताया कि पिछले एक माह से विभाग, ब्लाक, जिला स्तर पर 11 फरवरी की रैली की तैयारियां की जा रही हैं। इस महारैली में वोट फोर ओपीएस का नारा दिया जाएगा। ओपीएस आंदोलन को गांव स्तर पर मजबूत किया जा रहा है और गांवों में 5200 से अधिक टीमें बनाई गई हैं। अगर सरकार अपने अंतिम बजट में ओपीएस बहाल नही करती तो आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में संघर्ष समिति द्वारा वोट फोर ओपीएस की मुहिम चलाई जाएगी।   विजेंद्र धारीवाल ने बताया कि पिछले साल 19 फरवरी को पंचकूला में 70 हजार से ज्यादा कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग को लेकर जुटे थे लेकिन जींद में इस रिकार्ड को भी तोड़ा जाएगा। जून में भी कर्मचारियों ने ओपीएस जागरुकता साइकिल यात्रा निकाली थी और एक अक्टूबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में कर्मचारियों की ताकत सरकार को दिखाने का काम किया था। वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनूप लाठर ने बताया कि पेंशन बहाली संघर्ष समिति द्वारा पिछले पांच वर्षों से लगातार धरने, प्रदर्शन, रैलियां, भूख हड़ताल किए गए, पंचकूला में वाटर कैनन, आंसू गैस और लाठी चार्ज को सहन किया गया। इसके बाद प्रदेश सरकार (OPS Haryana) द्वारा तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। तीन मार्च को कमेटी की एक बैठक के बाद दोबारा कोई बैठक सरकार द्वारा नहीं बुलाई गई और न ही पुरानी पेंशन बहाल करने की दिशा में कोई कदम उठाया गया। इससे प्रदेश के लाखों कर्मचारियों में भारी रोष बना हुआ है। सरकार सबका साथ सबका विकास का नारा दे रही है वहीं कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। नेता एक दिन के लिए भी विधायक, सांसद चुने जाने पर चार चार पेंशन ले रहे हैं और कर्मचारी अपना पूरा जीवन सरकारी सेवा में जनता को समर्पित करता है फिर भी उसे बाजार के हवाले धकेला जा रहा है जो कि न्याय संगत नहीं है। गठबंधन सरकार के ओपीएस बहाली पर नकारात्मक रवये और उपमुख्यमंत्री द्वारा ओपीएस बहाली पर की गई वादाखिलाफी से प्रदेश के सभी कर्मचारियों में भारी रोष है जिसको लेकर 11 फरवरी को जींद के एकलव्य स्टेडियम में ओपीएस महारैली की जाएगी जिसमें प्रदेश के 1 लाख से अधिक कर्मचारी व उनके परिवार पहुंच अपनी आवाज को बुलंद करेंगे।