Chandigarh News: UT प्रशासन का बड़ा फैसला, पांच साल के लिए इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों का रोड टैक्स माफ

Chandigarh News: चंडीगढ़ में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को बढ़ावा देने के लिए यूटी प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है।
पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने अगले पांच साल के लिए ईवी का रोड टैक्स माफ कर दिया है। इस संबंध में गुरुवार को परिवहन सचिव नितिन यादव ने आदेश जारी किए हैं।
इन वाहनों पर छूट
आदेश के अनुसार सभी बैटरी से चलने वाले वाहन, इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहन (स्ट्रांग हाइब्रिड और प्लग-इन हाइब्रिड) को रोड टैक्स से छूट मिलेगी।
इससे वाहन चालकों को काफी राहत मिलेगी, क्योंकि परिवहन विभाग की तरफ से 20 लाख तक की सभी गाड़ियों पर छह फीसदी और 20 लाख से ज्यादा कीमत की गाड़ियों पर आठ फीसदी रोड टैक्स वसूला जाता है।
प्रशासन की तरफ से दी गई छूट के बाद सभी वाहन चालकों को काफी ज्यादा राहत मिलेगी।
प्रशासन की तरफ से जारी आदेश
प्रशासन की तरफ से जारी यह आदेश 18 मार्च 2023 से 17 मार्च 2028 तक लागू रहेंगे।
प्रशासन की तरफ से बताया गया कि रोड टैक्स माफ करने का उद्देश्य है कि लोग ईवी खरीदने के लिए प्रेरित हों क्योंकि इससे प्रदूषण कम होगा और शहर की हरियाली बची रहेगी।
ये आदेश प्रशासन की तरफ से 20 सितंबर 2022 को लागू किए गए ईवी नीति के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए जारी किया गया है।
ईवी खरीदने पर इंसेंटिव भी मिलेगा
गाड़ी वर्ग इंसेंसिव अधिकतम इंसेंसिव शर्त
ई-साइकिल कुल कीमत का 25 फीसदी 3000 रुपये पहली 25000 साइकिलों को ही मिलेगा लाभ
ई-टू व्हीलर फिक्स बैटरी: 5000 रुपये/केडब्ल्यूएच 30 हजार पहले 10 हजार
स्वाइपेबल बैटरी: 3000 रुपये/केडब्ल्यूएच 15 हजार
ई-ऑटो फिक्स बैटरी: 5000 रुपये/केडब्ल्यूएच 30 हजार पहली एक हजार
स्वाइपेबल बैटरी: 3000 रुपये/केडब्ल्यूएच 15 हजार
4-व्हीलर(निजी) फिक्स बैटरी: 5000 रुपये/केडब्ल्यूएच 1.5 लाख रुपये पहली दो हजार (गाड़ी की कीमत अधिकतम 20 लाख)
4-व्हीलर(व्यावसायिक) फिक्स बैटरी: 10000 रुपये/केडब्ल्यूएच 2 लाख रुपये पहली एक हजार
जून के अंत तक बंद हो सकती हैं पेट्रोल बाइक्स
जून के अंत तक शहर में पेट्रोल की बाइक्स बंद हो सकती हैं, क्योंकि ईवी नीति के अनुसार वर्ष 2023-24 का लक्ष्य जून में पूरा हो सकता है।
इसके बाद हमेशा के लिए चंडीगढ़ में सिर्फ इलेक्ट्रिक बाइकें ही बिकेंगी और उनका रजिस्ट्रेशन होगा। नीति के अनुसार शहर में करीब 6200 पेट्रोल बाइकें पंजीकृत हो सकती हैं।
सिर्फ डेढ़ महीने में ही करीब 3700 बाइकें पंजीकृत हो चुकी हैं। ऐसे में अब सिर्फ करीब 2500 पेट्रोल बाइकें ही पंजीकृत होंगी।
ईवी को लेकर मुख्य चिंताएं
– मांग और आपूर्ति में भारी अंतर
– इलेक्ट्रिक गाड़ियां डेढ़ गुना महंगी
– कई कंपनियां ईवी टू-व्हीलर बनाती हीं नहीं
– बैटरी से जुड़ी समस्याएं और पार्ट्स की दिक्कत
– लोग पूरी तरह अभी भी ईवी को अपनाने के लिए तैयार नहीं
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