Haryana Scam News : हरियाणा में जिला परिषद ग्रांट में सात करोड़ रुपये का घोटाला, एक्सईएन व जेई समेत सात आरोपी गिरफ्तार

Parvesh Mailk
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Scam of Rs 7 crore in District Council Grant in Haryana, seven accused including XEN and JE arrested

Haryana Scam News : आपको कोरोना महामारी तो याद ही होगी कोरोना, इस कोरोनाकाल में भी सरकारी कर्मचारियों ने कई करोड़ रुपयों का घोटाला किया है। हरियाणा में सात करोड़ रुपये को घोटाला सामने आया है। महामारी के समय वर्ष 2020-2021 में सरकार की ओर से जिला परिषद के माध्यम से गांवों में साफ- सफाई के लिए जारी की गई विशेष ग्रांट के तहत सात करोड़ रुपये के घोटाले मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। इस कार्रवाई के तहत एसीबी कैथल की टीम ने एक्सईएन, जेई व एक लेखाकार सहित सात आरोपियों को अरेस्ट किया है। इसमें चार ठेकेदारों को भी गिरफ्तार किया गया है।

 

फर्ची बिल बनाकर रुपये हड़पते थे ये आरोपी

पाठकों को बता दें कि, इन आरोपियों में फर्जी बिल बनाकर अपने अकाउंड में सरकारी राशि यानि ग्रांट की राशि डालते थे। कैथल एसीबी ने रोहतक में कार्यरत एक्सईएन नवीन (पहले कैथल में यह एसडीओ पद पर थे), पिहोवा में कार्यरत जेई जसबीर, नारनौल में कार्यरत लेखाकार कुलवंत सहित गांव फतेहपुर निवासी ठेकेदार अभय संधू, गांव फरियाबाद निवासी दिलबाग, पूंडरी निवासी अनिल और राजेश को गिरफ्तार किया है।

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इस मामले में पिछले करीब चार साल से एसीबी की 10 टीमें जांच में जुटी हुई थी। इसमें नौ इंस्पेक्टर सहित दो डीएसपी जांच में जुटे हैं। पूरे मामले में एसीबी के डीजीपी अभिताभ ढिल्लों व अंबाला के एसपी कुशल के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई है जबकि इस मामले में डीएसपी पवन और ओमप्रकाश भी जांच कर रहे हैं।

 

आपोपियों ने 10 करोड़ रुपये में से 7 करोड़ हड़पे

गौरतलब है कि, हरियाणा सरकार की 16 करोड़ रुपये की ग्रांट में 10 करोड़ रुपये की राशि जारी हुई थी। इसमें से आरोपियों ने गांवों में बस तीन करोड़ रुपये के ही काम करवाए थे। जबकि 7 करोड़ रुपये (Haryana Scam News) की इतनी बड़ी राशि के गांवों में काम न करवाकर आरोपियों ने अपने अकाउंड में ट्रांसफर कर लिए थे। अब एसीबी की टीम इन आरोपियों को बुधवार को कोर्ट में पेश करेगी।

इस मामले में भाजपा विधायक लीला राम की ओर से सरकार को दी गई शिकायत के बाद जांच शुरू हुई थी। इसके बाद एसीबी ने करीब तीन साल तक चली जांच के आधार पर सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में अभी आठ आरोपियों की ओर गिरफ्तारी किया जाना बाकी है। एसीबी के अनुसार जिप के पूर्व डिप्टी सीईओ जसविंद्र इसके मुख्य आरोपी हैं। इन आरोपियों ने फर्जी बिल बनाकर राशि पास करवाई थी और बाद में गांवों में काम न करवा उसे अपने खातों में डाल दिया था।

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गांव के स्वच्छता अभियान के लिए जारी हुई थी ग्रांट
जिला परिषद में 16 करोड़ रुपये की राशि साल 2021 में ग्रामीण क्षेत्र के विकास कार्यों को लेकर आई थी। इसमें से लगभग 10 करोड़ की राशि गांव में स्वच्छता अभियान पर खर्च होनी थी। यह राशि सरकारी दस्तावेजों तथा फर्ची में तो खर्च हुई दिखाई गई, लेकिन गांव में सफाई नहीं हुई और फर्जी बिल तैयार कर 8 फर्मों को राशि जारी कर दी। इनमें से भी दो फर्मों को राशि ज्यादा मात्रा में दी गई।

सफाई के नाम पर हुई करोड़ों रुपये के गोलमाल को लेकर भाजपा विधायक लीला राम, पूर्व सीपीएस व इनेलो प्रदेशाध्यक्ष रामपाल माजरा, जिला परिषद वार्ड नंबर सात से पूर्व जिला पार्षद बबली चंदाना ने अपने पति बिल्लू चंदाना के साथ सांकेतिक देकर पूरे मामले को उठाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि, गांव में सफाई के नाम पर भारी गोलमाल किया गया है। सफाई तो हुई नहीं, लेकिन फर्जी बिल तैयार कर फर्मों के अकाउंड में राशि डाली दी गई।

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वर्ष 2020-2021 में सरकार की ओर से जिला परिषद के माध्यम से गांवों में सफाई के लिए घोषित की गई विशेष ग्रांट में 15 लोगों ने करीब 7 करोड़ रुपये (Haryana Scam News) का घोटाला किया है। इस मामले में अभी तक पंचायती राज के एक्सईएन, जेई व लेखाकार और ठेकेदार सहित सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने करीब पांच करोड़ रुपये फर्जी बिल बनाकर अपने खाते में रुपये ट्रांसफर किए हैं।

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मेरा नाम प्रवेश है, मैने पिछले साल जनवरी 2023 में मास्टर ऑफ आर्ट जर्नलिजम मासकॉम किया है, तभी से क्लिनबोल्ड से कंटेंट राइटर के तौर से जुड़ा हुआ हूं। इससे पहले पंजाब केसरी में दो महिने कंटेट राइटर का कार्य किया हैं। इसके अतिरिक्त लेखक के तौर पर सामाजिक आर्टिकल और काव्य- संग्रह में भी सक्रिय रहता हूँ।