Jile ram sharma join bjp : हरियाणा में करनाल जिले के असंध से विधायक रहे और पूर्व सीपीएस जिले राम शर्मा कांग्रेस को बाय बाय कह कर भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं। 11 मार्च को भाजपा के कर्ण कमल कार्यालय में सीएम मनोहर लाल की अगुवाई में भाजपा का दामन थामने वाले हैं। जिले राम शर्मा (Jile ram sharma join bjp) के इस ऐलान ने राजनीतिक गलियारों की सरगर्मियों को उफान पर ला दिया है।
कांग्रेस क्यों छोड़ी जा रही है और भाजपा में शामिल होने के लिए क्या शर्त रखी गई है, इसको लेकर अभी जिले राम ने अपने पूरे पत्ते नहीं खोले हैं। भाजपा में शामिल होने का कारण शर्मा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों और हरियाणा में मनोहर लाल की ईमानदार सरकार को बता रहे हैं। जिस तरह से PM मोदी काम कर रहे हैं, वे उससे प्रभावित हुए हैं।
क्या भाजपा के सामने रखी गई है टिकट की कंडीशन?
जिले राम शर्मा के भाजपा(Jile ram sharma join bjp) में शामिल होने के ऐलान के बाद से टिकट की कंडीशन वाली चर्चाओं ने भी जन्म ले लिया है। जब शर्मा से पूछा गया कि क्या भाजपा के साथ टिकट की शर्त रखी गई है, तो शर्मा (Jile ram sharma join bjp) ने इस बात को सिरे से नकार दिया। कहा कि ऐसी कोई भी कंडीशन भाजपा के सामने नहीं रखी गई है।
अगर इस तरह की कोई बात आई भी है तो वह महज एक अफवाह है। पार्टी चाहे टिकट दे या न दे, हम पार्टी की सेवा करेंगे। वहीं, जिले शर्मा के भाजपा में आने के ऐलान के बाद असंध से पूर्व विधायक सरदार बख्शीश सिंह विर्क की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं। क्योंकि अब तक वही असंध विधानसभा सीट से भाजपा के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे।
मौका मिला तो सिर्फ विधानसभा लड़ूंगा
जिले राम शर्मा से पूछा गया कि आप लोकसभा चुनावों की तैयारी कर रहे हैं या फिर विधानसभा की, तो जवाब आया कि फिलहाल मेरी कोई तैयारी नहीं है। अगर पार्टी हाईकमान मौका देगी तो विधानसभा चुनाव लड़ूंगा। लोकसभा की हमारी कोई तैयारी नहीं है। मेरी तरफ से कोई शर्त नहीं रखी गई है।
असंध विधानसभा में भाजपा अपना सर्वे करवाएगी, अगर हम मैरिट में आ जाते हैं तो फैसला पार्टी का होगा और जो फैसला होगा, वह स्वीकार्य होगा। उनसे जब सवाल किया कि अगर भाजपा में भी टिकट नहीं मिलती है तो क्या फिर आजाद चुनाव लड़ेंगे, इस सवाल पर शर्मा ने कहा कि यह वक्त बताएगा।
दो बार आजाद चुनाव लड़ चुके
पंडित जिले राम शर्मा ने असंध से 2009 में हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां) की टिकट पर चुनाव लड़ा था। बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गए थे, फिर उन्होंने 2014 व 2019 में आजाद चुनाव लड़ा। जिसमें थोड़ी थोड़ी वोटों से हार मिली।
रेलवे लाइन बिछवाना ही मुख्य मकसद
जिले राम शर्मा बताते हैं कि वे अपने हल्के का विकास चाहते हैं। अगर जनता आशीर्वाद देती है तो सबसे पहला वर्क असंध क्षेत्र में रेलवे लाइन लाना होगा। इसके अतिरिक्त बेरोजगारी की समस्या से निपटना और ज्यादा से ज्यादा औद्योगिक कंपनियां लेकर आना, ताकि रोजगार मिल सके।
कांग्रेस से रही है नाराजगी
पंडित जिले राम शर्मा की कांग्रेस से नाराजगी रही है। शर्मा बताते हैं कि जब मेरे ऊपर राजनीतिक षड्यंत्र के तहत झूठा केस दर्ज हुआ। उस समय कांग्रेस का ही शासनकाल था, लेकिन कांग्रेस ने मेरी कोई मदद नहीं की। फिर भी मैंने कांग्रेस का साथ नहीं छोड़ा। जब कांग्रेस से मेरा टिकट कटा तो फिर मैंने आजाद चुनाव लड़ा। कांग्रेस से दूसरी बार भी टिकट कट गया, फिर मैंने आजाद चुनाव लड़ा।
हालांकि, मैं चुनाव जीत नहीं पाया, लेकिन लोगों का प्यार और आशीर्वाद खूब मिला। इसके बाद फिर से मैंने कांग्रेस जॉइन की और कांग्रेस का साथ दिया। मेरे साथियों की एक ही डिमांड है कि अबकी बार किसी पार्टी से टिकट पर ही चुनाव लड़ें। हमने यह पहले ही ऐलान किया था जो पार्टी टिकट देगी, उसी में शामिल होंगे। सीएम मनोहर लाल की तरफ से मान सम्मान मिला है तो भाजपा का दामन थामने की तैयारी है।
सरपंची और फिर राजनीति पारी
जिले राम शर्मा खुद भी सरपंच रह चुके हैं, उनकी पत्नी भी सरपंच रह चुकी है और ब्लॉक के चेयरमैन का पद भी मिला। जिला अध्यक्ष भी रहे और कांग्रेस में CPS के पद पर भी रहे। पूर्व MLA भी रह चुके हैं। जिले राम शर्मा (Jile ram sharma join bjp) को हुड्डा ग्रुप का माना जाता था। जबकि मौजूदा समय में असंध से सैलाजा गुट से शमशेर सिंह गोगी असंध विधानसभा सीट से विधायक हैं।