हरियाणा के सिरसा, फतेहाबाद, जींद, हिसार, रोहतक समेत कई जिलों में बारिश और ओलावृष्टि (Sirsa hailstorm news) ने किसानों की नींद उड़ा दी है। किसानों को अपनी फसल खराब होने का डर सता रहा है। सिरसा जिले में करीब आधे घंटे से भी ज्यादा समय तक लगातार ओलावृष्टि हुई।
सड़कों से लेकर खेतों में ओले की चादर सी बिछी नजर आई। मौसम विभाग द्वारा शनिवार को तेज बारिश और आंधी का अलर्ट किया गया था लेकिन शनिवार सुबह बारिश के बाद मौसम साफ हो गया। अधिकतम तापमान 25 डिग्री और न्यूनतम तापमान 18 डिग्री रहने का अनुमान है।
इससे पहले शुक्रवार देर शाम को गर्जना व चमक के साथ बूंदाबांदी हुई। गेहूं की फसल के लिए वर्षा फायदेमंद है। अगर वर्षा के साथ तेज हवा चलती है, तो गेहूं की फसल बिछ सकती है। इससे गेहूं के उत्पादन पर असर पड़ेगा। वहीं सरसों की फसल भी पकने वाली है, वर्षा व तेज हवा से सरसों की फसल गिर सकती है। जिले में करीब 2.15 लाख हेक्टेयर में गेहूं और लगभग 10 हजार हेक्टेयर में सरसों की फसल है।
गेहूं की अगेती फसल में अब अंतिम सिंचाई का समय है। अच्छी वर्षा होने पर पछेती गेहूं की फसल में भी एक सिंचाई की पूर्ति हो जाएगी और और उसके बाद केवल एक बार ही सिंचाई करनी पड़ेगी। वर्षा की संभावना के चलते कृषि विशेषज्ञाें ने किसानों को फिलहाल फसलों में सिंचाई और स्प्रे नहीं करने की सलाह दी है। कृषि विशेषज्ञ डा. सुभाष चंद्र ने बताया कि वर्षा की संभावना को देखते हुए किसान फिलहाल फसलों में सिंचाई ना करें।
वहीं ज्यादा वर्षा होने की स्थिति में निकासी का भी प्रबंध रखें, ताकि फसल खराब ना हो। इस समय गेहूं की फसल के लिए वर्षा फायदेमंद हैं। तेज हवा चलती है, तो गेहूं की फसल गिर सकती है।