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Solar city project : साल 2030 से पहले चंडीगढ़ का सोलर सिटी बनाने की योजना है। इसके लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने सभी सरकारी बिल्डिंग की छत पर वर्ष 2024 के अंत तक रूफटॉप सोलर पावर प्लांट स्थापित करने की योजना बनाई है। इसी तरह प्राइवेट बिल्डिंग पर यह सोलर प्लांट (Solar city project ) वर्ष 2026 तक लगाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। जानकारी के मुताबिक सभी गवर्नमेंट बिल्डिंग में 100 प्रतिशत सोलर फोटोवोल्टेक टेक्नोलॉजी (Solar city) पावर प्लांट 2024 के अंत तक लग जाएंगे।
मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी ने रिन्यूएबल एनर्जी सर्विसेज कंपनी के तहत रूफटॉप सोलर पावर प्लांट (Solar city project ) स्थापित करने को लेकर नए दिशा-निर्देश लागू करने की योजना बनाई है। इसी बीच चंडीगढ़ प्रशासन के साइंस एवं टेक्नोलॉजी विभाग ने RESCO मॉडल के तहत रिहायशी घरों में अगले दो सालों में 50 MWp ग्रिड-कनेक्टेड रूफटॉप सोलर सिस्टम (Solar city) बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर(BOT) आधार पर स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।
75 मेगावॉट पीक का लक्ष्य पूरा किया
बता दें कि दिसंबर, 2024 तक सोलर पावर का 75 मेगावॉट पीक का लक्ष्य पूरा करने के लिए प्रशासन ने पहले ही 4,633 गवर्नमेंट और प्राइवेट साइट पर 61.82 मेगावाट पीक ग्रिड-कनेक्टेड रूफटॉप सोलर पावर प्लांट स्थापित कर चुका है।
इसके जरिए 250.45 मिलियन यूनिट बिजली बनी है और 1,72,811 एमटी CO2 जनवरी, 2024 तक कमी आई है। शहर के सभी सरकारी स्कूल और बुडै़ल जेल कार्बन न्यूट्रल हैं। वहीं शहर में 80 इलेक्ट्रिक बसों ने भी 5300 MT CO2 उत्सर्जन 29 फरवरी, 2024 तक कम किया है। वहीं शहर में 100 और इलेक्ट्रिक बसों को लाने की योजना है।
राष्ट्रपति मुर्मू से मिल चुका पुरस्कार:
जानकारी के मुताबिक, पर्यावरण भवन, बुड़ैल जेल और सभी सरकारी स्कूलों में यह रूफटॉप सोलर पावर प्लांट (Solar city project ) स्थापित हैं जिसके जरिए यह बिजली की जरूरत इन प्लांट के जरिए ही पूरी कर रहे हैं। पर्यावरण भवन ब्यूरो ऑफ एनर्जी इफिशिएंसी स्टैंडर्ड के हिसाब से शहर की पहली फाइव स्टार बिल्डिंग है।
इससे पहले दिसंबर, 2023 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू चंडीगढ़ को स्टेट एनर्जी एफिशिएंसी परफॉर्मेंस अवॉर्ड-2023 के ग्रुप-4 में पहला पुरस्कार दे चुकी हैं। बता दें कि उत्तर भारत का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर फोटोवोल्टेक टेक्नोलॉजी पावर प्लांट 2000 kWp का वाटर वर्क्स, सेक्टर 39 में स्थापित है।
सोलर प्लांट लगवाने के लिए 1,200 से ज्यादा अर्जियां प्राप्त
सोलर प्लांट की इंस्टॉलेशन की कीमत BOT अवधि के दौरान चुनी गई फर्म से रिकवर की जाएगी। CREST ने इस तरह के सोलर प्लांट (Solar city project ) लगवाने संबंधी 1,200 से ज्यादा अर्जियां प्राप्त की हैं। RESCO मॉडल के तहत घरों के मालिक निरंतर रूप से BOT अवधि में 3.23 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली प्राप्त कर पाएंगे। एक बार BOT अवधि पूरी होने पर सोलर प्लांट का मालिकाना हक उपभोक्ता को बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के ट्रांसफर हो जाएगा।
नए मॉडल के तहत घर के मालिक को 500 स्क्वेयर फीट की स्पेस 5kWp सोलर प्लांट के लिए उपलब्ध करवानी होगी। RESCO के BOT मॉडल के तहत घरेलू उपभोक्ताओं के घरों पर थर्ड पार्टी के जरिए ग्रिड-कनेक्टेड रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने के लिए ज्वाइंट इलैक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन ने पिछले वर्ष जनवरी में चंडीगढ़ रिन्यूएबल एनर्जी सांइंस एंड टेक्नोलॉजी प्रमोशन सोसाइटी(CREST) को मंजूरी दी थी।