Express highway : द्वारका एक्सप्रेस-वे विश्वस्तरीय इंजीनियरिंग का उत्कृष्ट उदाहरण है। सिंगल पिलर पर आठ लेन का एक्सप्रेस-वे (Express highway) देश में कहीं नहीं है। सर्विस लेन भी आठ लेन की है। इसका निर्माण दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर से ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए किया जा रहा है।
द्वारका एक्सप्रेस-वे के गुरुग्राम भाग का शुभारंभ सोमवार यानी 11 मार्च हो गया। उम्मीद की जा रही है कि अगले तीन महीने के भीतर दिल्ली भाग का भी निर्माण पूरा हो जाएगा। इससे दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर से ट्रैफिक का दबाव 40 प्रतिशत तक कम होने की उम्मीद है।
दबाव कम होने से प्रदूषण का स्तर काफी कम हो जाएगा। जानकारों का मानना है कि गुरुग्राम व आसपास के विकास में काफी तेजी आएगी, क्याेंकि इस प्रोजेक्ट से दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे (Express highway) ही नहीं, बल्कि कई सड़कों पर से ट्रैफिक का दबाव कम हो जाएगा। द्वारका एक्सप्रेस-वे की कई खासियत हैं जो इसे विश्वस्तरीय बनाती हैं।
राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र एवं गुजरात के लोग दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे होते हुए दिल्ली पहुंचते हैं। सभी एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक का दबाव झेलते हैं। द्वारका एक्सप्रेस-वे के चालू होने से दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे (Express highway) पर से ट्रैफिक का दबाव काफी कम हो जाएगा। इससे समय की ही नहीं बल्कि ईंधन की भी भारी बचत होगी। राज्यों में माल समय पर पहुंच सकेंगे। इससे विकास की गति तेज होगी।
20 मिनट में मानेसर से द्वारका
मानेसर की तरफ से द्वारका एक घंटे की बजाय केवल 20 मिनट में पहुंच सकेंगे।
मानेसर की तरफ से दिल्ली एयरपोर्ट सवा घंटे की बजाय केवल 25 मिनट में पहुंच जाएंगे।
मानेसर की तरफ से सिंधु बार्डर तक जाने में दो घंटे की बजाय केवल 45 मिनट लगेंगे।
द्वारका एक्सप्रेस-वे से गुरुग्राम के लगभग 40 सेक्टर एवं 40 गांव सीधे तौर पर जुड़े।
दो जगह पर चार स्तरीय इंटरचेंज एवं नौ जगह तीन स्तरीय इंटरचेंज का निर्माण।