Sirsa news: हरियाणा में नशे के मामले में सिरसा जिले का नाम आता है, लेकिन एक गांव कोयले में कहूनुर की कहावत को चरितार्थ कर रहा है। एक ऐसा गांव जहां लोग चिट्टा और शराब के नशे से दूर हैं। इस गांव का नाम है चकजालू। इस गांव में शराब का ठेका भी नहीं है।
इसलिए अब पुलिस विभाग की ओर से भी इस गांव को सम्मानित किया गया है। एसपी की ओर से इस गांव की पंचायत को एक प्रशंसा पत्र देकर नशा मुक्त गांव होने का प्रमाण दिया गया है।
नशे की दलदल में डूबते जा रहे सिरसा जिला (Sirsa news) में बिना नशा करने में एक गांव शामिल हुआ तो ऐसा सुनने में थोड़ा अचरज जरूर लगता है मगर इस गांव की हकीकत यही है। पहले शिक्षा के मामले में पूरे जिले में अव्वल रहकर यह गांव सुर्खियों में आया था।
अब नशे के जाल से दूर रहने में यह गांव सुर्खियां बटोर रहा है। जिले के एक मात्र 100% साक्षर गांव की सरपंच महिला विमला देवी के पति को ठेकेदारों ने गांव में शराब ठेका खुलवाने के लिए लालच दिया था, लेकिन वे इस लालच में नहीं आए इसलिए गांव में शराब का ठेका भी नहीं है।
सरपंच बिमला देवी ने बताया कि गांव के लोग अक्सर इस बात का मंथन करते हैं कि गांव में कोई नशे का आदी तो नहीं है। सभी ग्रामीण अपने बच्चों का ध्यान रखते हैं और उनका फीडबैक भी लेते रहते हैं यही वजह है कि गांव में कोई व्यक्ति नशे का आदि नहीं है।
गांव जिला प्रशासन के सहयोग से गांव में खेल की गतिविधियों को बढ़ावा दे रखा है इसलिए बच्चे गांव में ही बॉस्केटबाल बॉलीबाल कबड्डी खेल खेलते हैं जिससे इस ओर उनका ध्यान नहीं जाता है।
वहीं डबवाली से डीएसपी किशोरी लाल ने बताया कि सिरसा एसपी डॉ अरुण नेहरा (Sirsa news) के सानिध्य में भी नशा मुक्ति का अभियान चलाया हुआ है। उनके डबवाली खंड के काम चकजालू जो कि पूरे सिरसा में नशा मुक्त है जिसको एसपी के द्वारा प्रशंसा पत्र देकर भी सम्मानित किया गया है वे खुद भी इस गांव में आकर घर-घर जाकर उन्होंने देखा है और अपने स्तर पर जांच की है तो पाया गया है कि वाकई इस काम का कोई भी व्यक्ति किसी तरह का नशा नहीं करता है
बल्कि इस गांव में कोई भी आज तक पुलिस चौकी नहीं जाता और न ही कोई एफआईआर दर्ज होती है।