Haryana kisaan aandolan : हरियाणा में किसान संगठनों ने एक बार फिर से आंदोलन का आह्वान किया है। किसान आंदोलन (Haryana kisaan aandolan ) को लेकर सरकार से लेकर प्रशासन सतर्क हो गया है। इससे निपटने की तैयारी कर दी है।
हरियाणा सरकार व प्रशासन कि अनुमति के किसान आंदोलन व सभा में भाग लिया तो कार्रवाई होगी। पुलिस अधीक्षक अंबाला जशनदीप सिंह रंधावा ने कहा है कि सूचना प्राप्त हुई है कि 13 फरवरी को कुछ किसानों द्वारा किसान आंदोलन में भाग लिया जा सकता है।
जिस संबंध में आमजन को सर्तक किया जाता है कि बिना सरकार व प्रशासन की अनुमति के इस किसान आंदोलन (Haryana kisaan aandolan ) में भाग ना लें। कोई भाग लेता पाया गया तो ऐसे व्यक्ति के खिलाफ सरकार के आदेशों की अवहेलना करने के जुर्म में कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
बताता कि इस दौरान आंदोलनकारियों के द्वारा सरकारी संपति व आमजन को नुकसान पहुंचाये जाने का अंदेशा है। कहा कि किसी भी आंदोलन के दौरान आंदोलनकारियों के द्वारा अगर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है तो माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 (पीडीपीपी एक्ट 1984) में संसोधन किया गया है जिसमें आंदोलन के दौरान आंदोलनकारियों के द्वारा सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने व आंदोलन का आह्वान करने वाले लोगों और उस संगठन के पदाधिकारियों को किसी भी नुकसान के लिये जिम्मेदार माना जाता है।
इसी प्रकार हरियाणा लोक व्यवस्था में विघ्न के दौरान संपत्ति क्षति वसूली अधिनियम 2021 के अनुसार सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचानें की स्थिति में नुकसान पहुचानें वालों की संपत्ति कुर्की और बैंक खातों को सीज करके सरकारी संपत्ति के नुकसान की भरपाई का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस एक्ट 2007 की धारा 69 के तहत सड़क या किसी भी सार्वजनिक स्थान पर सभा बुलाने के लिये संबंधित पुलिस थाना को लिखित में सूचना देनी होती है। पुलिस अधिकारी के कानूनी तौर पर संतुष्ट होने पर ही किसी सभा या जुलूस की अनुमति दी जाएगी। यदि किसी सभा, जुलूस आंदोलन से शांति भंग होने की संभावना है तो लोकहित के लिए पुलिस अधिकारी उस पर रोक लगा सकता है। अनुमति के लिए आवेदन करें।