Toll Plaza: एनएचएआई ने देश के दूसरे मानव रहित टोल प्लाजा का संचालन शुरू कर दिया है। टोल प्लाजा NH-334P पर स्थित है, जो सोनीपत और दिल्ली के बीच स्थित है। नए टोल प्लाजा पर वाहनों से टोल संग्रह पूरी तरह से स्वचालित रूप से किया जाएगा, जिससे टोल संग्रह प्रक्रिया तेज और अधिक सुविधाजनक हो जाएगी।
सेंसर और RFID आधारित टोल वसूली
इस टोल प्लाजा पर वाहनों से टोल वसूली के लिए अत्याधुनिक सेंसर और रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन (RFID) सिस्टम का उपयोग किया जाएगा। जैसे ही कोई वाहन सेंसर के दायरे में आएगा, वाहन की टोल राशि स्वतः कट जाएगी और बूम बैरियर स्वतः खुल जाएगा। यह तकनीक टोल वसूली को बिना किसी मानव हस्तक्षेप के आसान और तेज बना देगी।
अस्थाई कैश लेन की व्यवस्था
यद्यपि यह टोल प्लाजा पूरी तरह से स्वचालित होगा, फिर भी एक-एक अस्थाई कैश लेन का प्रावधान रखा गया है। यह व्यवस्था उन वाहनों के लिए होगी, जिनके पास RFID टैग नहीं होंगे या जो नई प्रणाली से परिचित नहीं हैं। इस प्रकार, किसी भी स्थिति में वाहन चालकों को बिना किसी परेशानी के टोल का भुगतान करने की सुविधा मिलेगी।
29.6 किलोमीटर लंबा NH-334P हाईवे
NHAI ने 29.6 किलोमीटर लंबे NH-334P हाईवे का निर्माण किया है, जो सोनीपत के गांव बड़वासनी से लेकर दिल्ली के बवाना इंडस्ट्रियल एरिया तक जाता है। इस हाईवे को फोरलेन के रूप में बनाया गया है और इसे गांव बड़वासनी के पास NH-352A से जोड़ा गया है। साथ ही, इसे दिल्ली के द्वारका एक्सप्रेसवे से भी जोड़ा जा रहा है।
टोल वसूली की दर
इस टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहन चालकों को 29.6 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए 65 रुपये का टोल टैक्स देना होगा। यह राशि केवल कार चालकों के लिए है। उच्चतम गति पर यात्रा करने के दौरान इस स्वचालित टोल प्रणाली से टोल वसूली होगी, जिससे वाहन चालकों को बिना किसी देरी के अपनी यात्रा जारी रखने में सुविधा होगी।
भविष्य में GNSS आधारित टोल प्रणाली
भविष्य में, इस टोल प्लाजा पर GNSS (ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम) आधारित टोल प्रणाली लागू की जाएगी। इस तकनीक के तहत, जैसे ही वाहन हाईवे पर प्रवेश करेगा, उसकी एक यूनिक आईडी बनेगी और बिना किसी बूम बैरियर या Fastag की आवश्यकता के टोल वसूली की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।