Pod Taxi : चंडीगढ़ के विकास को लेकर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने नई संभावनाओं की चर्चा की है। चंडीगढ़ में लंबे समय से मेट्रो की मांग उठ रही है, लेकिन मेट्रो की जगह पॉड टैक्सी चलाने का विचार जोर पकड़ रहा है। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हाल ही में चंडीगढ़ दौरे के दौरान यूटी अधिकारियों के साथ बैठक में इस मुद्दे पर संकेत दिए।
पॉड टैक्सी बन सकती है मेट्रो का विकल्प
बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री खट्टर ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि चंडीगढ़ जैसे हेरिटेज शहर में मेट्रो के निर्माण पर विस्तार से चर्चा हुई है। चूंकि चंडीगढ़ में हरियाली, फुटपाथ और ग्रीन बेल्ट का बड़ा महत्व है, इसलिए यहां मेट्रो के बजाय नई टेक्नोलॉजी जैसे पॉड टैक्सी का इस्तेमाल किया जा सकता है। पॉड टैक्सी एक स्वचालित इलेक्ट्रिक वाहन है जो एक पिलर के ऊपर चलती है और किसी भी हरियाली क्षेत्र या डिवाइडर के ऊपर से गुजर सकती है। इस प्रकार, यह शहर की हेरिटेज स्थिति को प्रभावित किए बिना यातायात का एक सुलभ साधन बन सकता है।
Pod Taxi: आधुनिक, पर्यावरण के अनुकूल विकल्प
पॉड टैक्सी एक इलेक्ट्रिक वाहन है, जो बिना ड्राइवर के एक कंट्रोल सिस्टम द्वारा संचालित होती है। एक पॉड टैक्सी में 8 लोग बैठ सकते हैं, और 13 लोग खड़े होकर यात्रा कर सकते हैं। इसके ऑटोमैटिक सिस्टम और उच्च गति के कारण यह समय की बचत करेगी। पॉड टैक्सी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे वायु प्रदूषण बिल्कुल नहीं होता है, जो इसे एक पर्यावरण-अनुकूल विकल्प बनाता है।
क्लस्टर बस सर्विस और पॉड टैक्सी पर विचार
मेट्रो के अलावा चंडीगढ़, मोहाली, पंचकूला और जीरकपुर जैसे पड़ोसी शहरों की परिवहन समस्याओं का समाधान करने के लिए क्लस्टर बस सर्विस और पॉड टैक्सी जैसे विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। खट्टर ने कहा कि मेट्रो की ऑपरेशनल कॉस्ट भी एक महत्वपूर्ण पहलू है। पॉड टैक्सी के विकल्प से मेट्रो की तुलना में किराया कम रहेगा, जिससे आम लोग इसका आसानी से उपयोग कर सकेंगे।
Pod Taxi: चंडीगढ़ के भविष्य का यातायात समाधान?
चंडीगढ़ में पॉड टैक्सी लागू करने का विचार अभी प्रारंभिक स्तर पर है, लेकिन इसके फायदे और लागत की संभावना को देखते हुए इसे एक प्रगतिशील समाधान माना जा रहा है। पॉड टैक्सी से न केवल चंडीगढ़ के यातायात में सुधार होगा, बल्कि शहर का पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा और इसके हेरिटेज का भी संरक्षण होगा।