Gorakhpur-Siliguri Expressway: उत्तर प्रदेश (यूपी), बिहार और पश्चिम बंगाल में हो रहे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर बदलावों में से एक प्रमुख परियोजना है गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे। यह एक्सप्रेस-वे इन तीन राज्यों के बीच यात्रा को तेज और सुविधाजनक बनाने के लिए बनाया जा रहा है।
519 किलोमीटर लंबा होगा गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे
गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक का सफर करने के लिए बन रहा यह एक्सप्रेस-वे 519 किलोमीटर लंबा होगा। यह एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल तीन राज्यों से होकर गुजरेगा, जिससे इन राज्यों के बीच यात्रा के समय में भारी कमी आएगी। वर्तमान में इस सफर में करीब 15 घंटे का समय लगता है, जो एक्सप्रेस-वे बनने के बाद केवल 9 घंटे में पूरा हो सकेगा। इस एक्सप्रेस-वे को 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे इन राज्यों के नागरिकों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।
इन जिले और गांवों को जोड़ेगा एक्सप्रेसवे
यह एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के तीन जिलों गोरखपुर, कुशीनगर, और देवरिया से होकर गुजरेगा। इन जिलों के 111 गांवों की ज़मीन का अधिग्रहण किया गया है, जिसमें कुशीनगर के 42 गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा हाटा (19 गांव), कसाया (13 गांव) और चौरी चौरा (14 गांव) भी शामिल हैं।
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे बिहार के 8 जिलों से होकर गुजरेगा
पूर्वी चंपारण
पश्चिमी चंपारण
शिवहर
सीतामढ़ी
मधुबनी
सुपौल
अररिया
किशनगंज
इसके अलावा, गंडक नदी पर एक पुल का निर्माण भी किया जाएगा, जो यात्रा को और भी आसान बनाएगा। गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे को स्टेट हाईवे, नेशनल हाईवे और प्रमुख सड़कों से कनेक्ट किया जाएगा। यूपी में इसे गोरखपुर-आजमगढ़ लिंक एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा, जिससे यात्रा की रफ्तार और तेज हो जाएगी।