UP News: उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के लिए एक राहत योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत श्रमिकों को 1,000 रुपये प्रति माह का पोषण भत्ता दिया जाएगा। यह योजना उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण (बीओसीडब्ल्यू) बोर्ड के माध्यम से लागू की जाएगी और इसका उद्देश्य श्रमिकों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है, जो हाल ही में प्रदूषण के कारण प्रभावित हुए थे।
एनसीआर क्षेत्र में बढ़े प्रदूषण के कारण सभी प्रकार की निर्माण गतिविधियों पर रोक लगा दी गई थी। इस रोक के चलते श्रमिकों की आय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, सरकार ने इन श्रमिकों को पोषण भत्ता प्रदान करने का निर्णय लिया। इस योजना का लाभ लगभग पांच लाख श्रमिकों को मिलेगा और सरकार इस योजना के लिए 200 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
प्रत्येक पंजीकृत श्रमिक को 1,000 रुपये प्रति माह का पोषण भत्ता मिलेगा। सरकार 200 करोड़ रुपये खर्च करेगी। लगभग 5 लाख निर्माण श्रमिकों को इस योजना का लाभ मिलेगा। 18 नवंबर तक श्रमिकों को चार सप्ताह का भत्ता प्रदान किया जाएगा, जिसमें पहले दो सप्ताह की धनराशि उनके खातों में ट्रांसफर की जा रही है।
पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की संख्या दी गई है, जो इस योजना का लाभ लेंगे:
गाजियाबाद 46,016
गौतमबुद्ध नगर 15,356
मेरठ 1,42,254
हापुड़ 36,962
बुलंदशहर 42,189
बागपत 24,553
मुजफ्फरनगर 1,09,924
बीओसीडब्ल्यू बोर्ड की सचिव गजल भारद्वाज ने एनसीआर के विकास प्राधिकरणों को पत्र लिखकर निर्माण श्रमिकों के पंजीकरण और नवीनीकरण के लिए विशेष कैंप आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। इन कैंपों में श्रम विभाग का सहयोग लिया जाएगा ताकि अधिक से अधिक श्रमिक योजना का लाभ उठा सकें।