Viral news : कलयुग में एक मां-बाप अपनी छह माह की बेटी को बैग में डालकर बस स्टैंड पर बस के टायर के नीचे छोड़कर चले गए। पूरी रात बच्ची बैग में ही रोती रही और उसमें पानी की कमी हो गई। बच्ची के टायर के नीचे आने का पता उस समय लगा जब बस चालक सुबह बस को चलाने से पहले टायरों को संभालने लगा तो उसको बैग दिखाई दिया। जैसे ही उसने बैग को हिलाया तो बच्ची रोने लगी।
उसने तुरंत ही बच्ची को बैग से बाहर निकाला और प्रशासन को सूचित किया। जहां पर बच्ची को तुरंत ही अस्पताल में पहुंचाया। जहां पर बच्ची की हालात खराब थी और उसको उपचार दिया गया। हालांकि अब बच्ची की हालात खतरे से बाहर है और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
घटना उड़ीसा के क्योंझर जिले के चंपुआ की है। जानकारी के मुताबिक, इस बच्ची को धबलेश्वर नाम की एक निजी बस के पहिये के नीचे से पाया गया जो चंपुआ स्थित बस स्टैंड पर रात भर रुकी थी।
घटगांव से चंपुआ तक चलने वाली यह बस शाम को चंपुआ पहुंची। वाहन के हेल्पर गुडू महाराणा ने बताया कि रात करीब 9 बजे वाहन के पहियों की जांच कर रहा था, तभी उसे पहिए के नीचे एक बैग दिखाई दिया। बैग के अंदर देखा तो बच्ची ने रोना शुरू कर दिया।
बच्ची के शरीर में हो गई थी पानी की कमी
उन्होंने तुरंत इस संबंध में मौजूद स्थानीय लोगों को सूचित किया और चंपुआ थाने को सूचना दी। खबर मिलते ही चंपुआ पुलिस मौके पर पहुंची और बच्ची को बरामद करते हुए पास के चंपुआ अस्पताल में भर्ती कराया।
बच्ची बहुत कमजोर हो गई थी और डी-हाईड्रेशन से पीड़ित थी। हालांकि, रात में स्लाइन, दवा और खाना देने के बाद डॉक्टर ने बताया कि बच्ची की स्थिति अच्छी है। आशंका है कि बच्ची के किसी रिश्तेदार ने उसे बैग में भरकर बस के पहिये के नीचे छोड़ दिया और भाग गया।
चंपुआ मेडिकल सेंटर में बच्ची की हो रही देखभाल
बरामद की गई बच्ची को अभी चंपुआ मेडिकल सेंटर के एनआरसी सेंटर में रखा गया है। वहां के स्टाफ और नर्सें बच्ची की देखभाल कर रहे हैं। उधर, पुलिस की ओर से बच्ची की पहचान कराने की कोशिशों के बावजूद कुछ पता नहीं चल सका है।