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जींद में प्रसव महिलाओं व नवजातों के लिए बनेगा 50 बेड क्रिटिकल केयर ब्लाक

50 बेड का क्रिटिकल केयर ब्लाक बनाने के बाद अस्पताल की क्षमता 250 बेड की हो जाएगी। बेड की क्षमता तो बढ़ रही हैं, लेकिन विभाग के पास 200 बेड का अस्पताल चलाने तक का स्टाफ नहीं हैं
 
प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन
क्रिटिकल केयर ब्लाक बनाने का जिम्मा करनाल के लोक निर्माण विभाग को दिया गया

हरियाणा के जींद में प्रसव महिलाओं व नवजातों की पूरी केयर रखने के लिए व गंभीर मरीजों नागरिक अस्पताल में अलग से 50 बेड का क्रिटिकल केयर ब्लाक का निर्माण होगा। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन ग्रांट्स 2022-23 के तहत हरियाणा स्वास्थ्य सेवाएं के महानिदेशक ने मंजूरी दी थी, लेकिन दो साल से फाइल ठंडे बस्ते में पड़ी हुई थी।

अब क्रिटिकल केयर ब्लाक बनाने का जिम्मा करनाल के लोक निर्माण विभाग को दिया गया हैं। लोक निर्माण विभाग की टीम ने भवन बनाने के लिए साइट प्लान, आर्किटेक्चर से नक्शा तैयार करके एस्टीमेट बनाकर मुख्यालय को भेजा गया हैं।

हालांकि मुख्यालय की तरफ से लैंड आनरशिप डाक्यूमेंट्स मांगे थे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने नागरिक अस्पताल के नए भवन के पीछे खाली पड़ी जमीन पर ही क्रिटिकल केयर ब्लाक बनाने की मंजूरी दी है। अब मुख्यालय की तरफ से भवन निर्माण के लिए बजट की मंजूरी दी जानी शेष हैं।

मदर चाइल्ड की सुरक्षा के लिए उठाया कदम

प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत जींद के साथ झज्जर जिले में भी क्रिटिकल केयर ब्लाक बनाने की मंजूरी मिली है। क्रिटिकल केयर ब्लाक में खासकर मदर चाइल्ड की पूरी सुरक्षा हो सकेगी। प्रसव महिला व उसके नवजात को यहां पर रखकर पूरा स्वास्थ्य लाभ दिया जाएगा।

अस्पतालों में कई बार ज्यादा डिलीवरी केस आने के बाद एक ही बेड पर दो दो जच्चा व बच्चा को लेटाया जाता हैं। ऐसे में अगर यहां अलग ब्लाक बना तो पूरी सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। इसके अलावा दूसरे गंभीर मरीजों को भी इस वार्ड में दाखिल किया जा सकेगा।

अस्पताल की बेडों की क्षमता बढ़कर होगी 250, स्टाफ की कमी बनेगी दिक्कत

जिला मुख्यालय पर नागरिक अस्पताल 200 बेड का बना हुआ हैं। 50 बेड का क्रिटिकल केयर ब्लाक बनाने के बाद अस्पताल की क्षमता 250 बेड की हो जाएगी। बेड की क्षमता तो बढ़ रही हैं, लेकिन विभाग के पास 200 बेड का अस्पताल चलाने तक का स्टाफ नहीं हैं। अस्पताल में 55 डाक्टरों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन 20 डाक्टर ही तैनात हैं।

50 बेड की क्षमता बढ़ने के बाद डाक्टरों व पैरा मेडिकल स्टाफ के पद तो बढ़ जाएंगे, लेकिन अगर वहां पर स्टाफ तैनात नहीं किया तो मरीजों को इसका ज्यादा फायदा मिलने वाला नहीं हैं। फिलहाल अस्पताल प्रशासन के समक्ष इमरजेंसी सेवाओं के चलाने के लिए फील्ड में तैनात डाक्टरों की ड्यूटी लगानी पड़ रही हैं। ऐसे में क्रिटिकल केयर ब्लाक में गंभीर मरीज दाखिल होंगे तो वहां पर 24 घंटे अलग से स्टाफ की जरूरत होगी।

डिप्टी सिविल सर्जन डा. रमेश पांचाल ने बताया कि नागरिक अस्पताल में नए भवन के पीछे खाली पड़ी जमीन पर क्रिटिकल केयर ब्लाक बनाया जाएगा। इसका निर्माण लोक निर्माण विभाग करनाल की तरफ से किया जाएगा। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत 50 बेड का अलग से भवन बनाया जाएगा। इसमें गंभीर रोगियों का बेहतर उपचार होगा और साथ ही स्वास्थ्य विभाग का बेड़ा और मजबूत होगा।