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Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY) : किसानों को 100 रुपये के बदले में 500 रुपये दे रही सरकार की यह योजना, करोड़ों किसानों को मिला फायदा

 
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY) : किसानों को 100 रुपये के बदले में 500 रुपये दे रही सरकार की यह योजना, करोड़ों किसानों को मिला फायदा
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY) : वित्त वर्ष 2023-24 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत नामांकन में 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को हर 100 रुपये के प्रीमियम भुगतान के लिए दावे के रूप में लगभग 500 रुपये का भुगतान किया गया। योजना के कार्यान्वयन के पिछले 8 वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 23.22 करोड़ से अधिक किसान आवेदकों के दावे मंजूर किये गए।   2023-24 में 56.8 करोड़ किसानों को मिला लाभ कृषि मंत्रालय ने बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में फसल बीमा योजना के अंतर्गत अब तक 56.8 करोड़ किसान लाभान्वित हो चुके हैं। योजना से लाभान्वित होने वाले किसानों के आंकड़ों में 27 फीसद का इजाफा दर्ज किया गया है। इस योजना को लागू हुए आठ साल हो चुके हैं। 56.80 करोड़ किसानों के आवेदन मंजूर किए जा चुके हैं जिसमें से 23.22 करोड़ किसानों को उनका हर्जाना मिल चुका है।   किसानों ने जमा की 31,130 करोड़ की राशि इस वित्तीय वर्ष के दौरान किसानों द्वारा 31,130 करोड़ की राशि जमा कराई गई, जिसके विरोध में उन्हें 1,55,977 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। इस तरह, किसानों ने अगर 100 रुपए भुगतान किए हैं, तो इसके एवज में उन्हें 500 रुपए का भुगतान प्राप्त हुआ है। सरकार के प्रयासों के चलते किसानों को मिलने वाली राशि में लगातार इजाफा हो रहा है। किसान स्वेच्छा से योजना (PMFBY) की सदस्यता ले रहे हैं।   हर साल बढ़ रही किसानों की संख्या प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों को उनके फसलों को नुकसान से बचाने की दिशा में अहम भूमिका निभा रहा है। खासकर तब, जब प्राकृतिक आपदा की जद में आकर किसानों को नुकसान पहुंचता है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) एक मांग आधारित योजना है और राज्यों के साथ-साथ किसानों के लिए भी स्वैच्छिक है. 2021-22 और 2022-23 के दौरान किसान आवेदनों की संख्या में साल-दर-साल क्रमशः 33.4 प्रतिशत और 41 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके अलावा, वर्ष 2023-24 के दौरान अब तक योजना (PMFBY) के तहत नामांकित किसानों की संख्या में 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साथ ही वित्त वर्ष 2023-24 में योजना के तहत बीमित कुल किसानों में से 42 प्रतिशत गैर-ऋणी किसान हैं।   2016 में हुई थी फसल बीमा योजना की शुरुआत प्रीमियम के लिहाज से यह विश्व की तीसरी बड़ी योजना है. फसल बीमा योजना की शुरुआत साल 2016 में हुई थी, जो कि किसानों को अप्रत्याशित घटनाओं से होने वाली फसल हानि या क्षति से बचाता है। कृषि और परिवार कल्याण विभाग नियमित रूप से पीएमएफबीवाई के कार्यान्वयन की निगरानी कर रहा है, जिसमें हितधारकों के साप्ताहिक वीडियो कॉन्फ्रेंस बीमा कंपनियों/राज्यों के साथ बैठक आदि के माध्यम से दावों का समय पर निपटान शामिल है।