मुगल साम्राज्य की कहानियों से भारत का इतिहास भरा हुआ है। इन्हीं कहानियों में से एक कहानी खानजादा की भी थी।
खानजादा मुगल के पहले शासक बाबर की बहन थीं, जिनका पूरा जीवन एक योद्धा की तरह बिता।
दरअसल, खानजादा के भाई बाबर और शायबानी का युद्ध हुआ। इस युद्ध में बाबर की बुरी तरह से हार हुई थी।
शायबानी ने उसे 6 महिने तक घेरे में रखा। इस दौरान बाबर के सैनिक दो रोटी तक के लिए तरस गए।
अपने भाई और परिवार की ये हालत देख खानजादा आगे आईं और उन्होंने अपने भाई को बचाने के लिए योजना बनाई।
इस योजना के मुताबिक, खानजादा ने शायबानी खान से एक शर्त रखी। इसके मुताबिक वो शायबानी से शादी करेंगी और वो उनके भाई को मुक्त कर देगा।
इसके बाद शायबानी खानजादा से अलग हो गए और उन्होंने खानजादा की जबरन शादी फौजी सैयद से करा दी थी।
लेकिन खानजादा के इस पति की भी शाह इस्माइल से युद्ध में मौत हो गई। इसके बाद शाह इस्माइल ने उन्हें अपनी कैद में रख लिया।
आगे चलकर उसने बाबर को उनकी बहन खानजादा सौंप दीं, ऐसे 10 साल बाद खानजादा अपने घर वापस पहुंची।