कहा जाता है कि, भगवान को डर था कि सगे भाईयों और परिवार के मध्य बीच हो रहा यह युद्ध बीच में न रुक जाये। कौरव और पांडव एक-दूसरे का खून बहता देख संधि न कर लें।
श्रीकृष्ण के सेवकों ने सभी दिशा और जगहों का जायजा लिया। जहां एक दूत ने श्रीकृष्ण को बताया कि कुरुक्षेत्र एक ऐसा स्थान है, जहां बड़े भाई ने अपने छोटे भाई की हत्या कर दी थी। इसका उसे पछतावा भी नहीं था।