रघबीर के पिता भी रह चुके खाप के प्रधान
Binain khap : 21 साल से सर्वजातीय बिनैन खाप के प्रवक्ता रहे रघबीर नैन को सर्वसम्मति से रविवार को प्रधान बनाय गया। खाप प्रधान का यह पद 26 दिसंबर को नफे सिंह नैन के निधन के बाद से खाली था।
प्रधान पद के चुनाव के लिए दनौदा मुख्यालय के ऐतिहासिक चबूतरे पर कार्यक्रम रखा गया। इसकी अध्यक्षता खाप के उपप्रधान भगत सिंह ने की और मंच संचालन कालवन तपा प्रधान फकीर चंद ने किया।
तपा धमतान प्रधान डा. प्रीतम, कालवन तपा प्रधान फकीरचन्द, दनौदा तपा प्रधान व खाप उपप्रधान भगत सिंह तथा कैथल के नैना गांव के रूपचंद नैन की कमेटी द्वारा रघबीर नैन के सर्वसम्मति से प्रधान चुने जाने के बाद फकीरचंद ने निर्णय सुनाया। इसका पंचायत में आए सभी लोगों द्वारा हाथ उठाकर समर्थन किया गया।
उसके बाद उपप्रधान भगत सिंह ने खाप की पगड़ी पहनाकर उनका स्वागत किया।
खाप हमारी मां, सिर नीचा नहीं होने दूंगा : रघबीर नैन
नव नियुक्त प्रधान रघबीर नैन ने कहा कि सर्वजातीय खाप के अंतर्गत आने वाले धमतान तपा, कालवन तपा व दनौदा तपा तथा समूची खाप से आए लोगों ने जो दायित्व उन्हें सौंपा है, उस पर वह खरा उतरने का प्रयास करेंगे। खाप हमारी मां है, जिसका मान-सम्मान बनाए रखने के लिए सिर नीचा नहीं होने दिया जाएगा।
जो हमारे बुजुर्ग प्रधानों ने आदर्श स्थापित किए हैं, उन पर चलने का प्रयास करेंगे। वोटों की राजनीति से दूर रहेंगे।
प्रधान चुनाव से पहले लिए गए सुझाव
सबसे पहले दिवंगत प्रधान नफे सिंह नैन को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद बिनैन खाप (Binain khap ) प्रधान के चुने जाने से पहले सुझाव लिए गए।
नफे सिंह के पुत्र ईश्वर नैन ने कहा कि खाप का कोई भी व्यक्ति प्रधान पद के लिए उनका नाम नहीं ले। राजेंद्र लितानी ने कहा कि वह केवल प्रधान नहीं, बल्कि खाप का सरताज चुनें। राजकुमार नैन ने और मास्टर रघबीर ने कहा कि खाप का प्रधान ऐसा हो, जिसमें त्याग की भावना हो।
बलवान नैन, होशियार सिंह वकील ने कहा कि सभी राग-द्वेष को भुलाकर प्रधान का चुनाव हो। इस अवसर पर जोगेंद्र नैन, रंगीराम, कुलदीप सरपंच, रणधीर वकील, वीरेंद्र नैन, बिट्टू अमरगढ़, श्यामलाल, संदीप लौट, अंग्रेज नैन, जोगीराम, शमशेर लितानी, सतबीर शास्त्री, धर्मबीर, मेहर सिंह, मनदीप दनौदा, सुरेंद्र, रामफल उपस्थित रहे।
बिनैन खाप के अब तक छह प्रधान चुने जा चुके
1387 में स्थापित बिनैन खाप (Binain khap ) में अब तक 6 प्रधान चुने जा चुके हैं। खाप प्रधान को सम्मान पूर्वक दादा के नाम से पुकारा जाता रहा है। उनमें सबसे पहले दादा श्योराम, दादा कन्हैया, हजारी, मोमन, टेकराम व नफे सिंह शामिल हैं। सर्वजातीय बिनैन खाप की पटियाला राजा के समय से बड़ी प्रतिष्ठा रही है, जिसके बारे में किवंदती है कि वह राजा खाप प्रधान के सम्मान में कुर्सी से उठकर उनका स्वागत किया करता था।