किसानों ने इसलिए लेना पड़ा फैसला, जानें पूरा मामला
BJP bain in village : हरियाणा में पीएम फसल बीमा योजना का क्लेम न मिलने से खफा किसानों ने रविवार को काली होली मनाई तो एक बड़ा फैसला भी लिया। हालांकि नाराज भूमिपुत्र खराब रबी फसल के मुआवजे को लेकर बीमा कंपनी के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का रुख करने कह चुके हैं। रविवार को को गोहाना उपमंडलीय परिसर में अनिश्चितकालीधरने पर बैठे किसानों ने निर्णय लिया है कि गोहाना तहसील के हर गांव के मुख्यगेट पर बीजेपी नेताओं के नो एंट्री के बोर्ड लगाए जाएंगे।
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान किसानों ने भाजपा नेताओं (BJP bain in village) को गांव न घुसने देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनाव बीजेपी नेताओं का विरोध भी करेंगे। इसके अलावा आज सरपंचों ने भी किसानों के धरने पर पहुंच कर किसानों का समर्थन दिया। वहीं होली का त्योहार होने के चलते किसानों ने कहा आज के दिन भी किसान होली का त्योहार नहीं मनाकर यहाँ धरने पर बैठे हुए हैं। जब तक किसानों को उनकी ख़राब फसलों का मुवावजा नहीं मिल जाता वो यहाँ से उठने वाले नहीं है। जिस के चलते किसानों ने आज काली होली मनाई।
भारतीय किसान यूनियन चढ़ूनी के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल ने कहा कि 2021 व 2022 में जिले के हजारों किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसलों का बीमा करवाया था। जुलाई 2022 में खरीफ के सीजन में किसानों ने बीमा करवाया था। कंपनी 60 दिन के भीतर किसानों का प्रीमियम वापस लौटा सकती है, लेकिन नवंबर-दिसंबर में जब फसल कटाई शुरू हुई काफी किसानों की फसलें खराब मिली।
उसके बाद कंपनी ने 1752 किसानों का बीमा रद्द कर दिया। नरवाल ने आरोप लगाया कि जहां फसलें खराब नहीं हुई वहां पर लगभग 21 हजार किसानों का प्रीमियम कंपनी ने अपने पास रख लिया। अब राज्य की कमेटी बीमा कंपनी के विरुद्ध कार्रवाई नहीं कर रही है। बीमा कंपनी द्वारा किसानों को मुआवजा नहीं दिया गया। किसान मुआवजे की मांग को लेकर 29 जनवरी से उपमंडलीय परिसर में धरना दे रहे हैं।आज उनको धरने के 56 दिन हो चुके है, लेकिन अधिकारी व सरकार उनकी कोई सुध नहीं ले रहा है।
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