जिले में 81 तालाबों का काम हो (Amrit Sarovar Yojana) चुका पूरा
जींद : अमृत सरोवर योजना (Amrit Sarovar Yojana) के तहत गांवों में तालाबों का सौंदर्यीकरण किया जाना है। जिसमें तालाबों की खोदाइ कर उसकी चहारदीवारी, चारों तरफ मिट्टी डाल कर पौधे लगाए जाने हैं। तालाबों की खोदाइ तो कर दी गई है। लेकिन उनमें सीवरेज का पानी छोड़ा जा रहा है। जो पशुओं के पीने के लायक नहीं है। वहीं तालाब (Jind news) के चारों तरफ जो मिट्टी डाल कर जमीन समतल की गई है, उस पर ग्रामीण कब्जा कर रहे हैं। महिलाएं इस जगह पर गोबर व उपले रख रही हैं।
अमृत सरोवर योजना के तहत जिले में 138 तालाबों की खोदाइ व अन्य कार्य होना है। जिन पर 140 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च होनी है। पंचायती राज विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 81 तालाबों का काम पूरा हो चुका है। 35 तालाबों का कार्य प्रगति पर है। वहीं 22 तालाबों का शुरू नहीं हुआ है। इस योजना का उद्देश्य तालाब में नीचे जमी गाद को निकाल कर सफाई करना है, ताकि तालाब में जमा पानी जमीन के नीचे रिचार्ज हो सके। गाद जमा होने की वजह से तालाब में (Amrit Sarovar Yojana jind) पानी रिचार्ज नहीं हो पाता।
जिसके कारण ज्यादातर गांवों में तालाब ओवरफ्लो होने की समस्या आती है। ज्यादातर गांवों में सीवरेज निकासी के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं है। तालाबों में ही सीवरेज का पानी जाता है, जबकि खोदाइ के बाद इन तालाबों में साफ पानी डाला जाना है। तालाबों का सौंदर्यीकरण कर पर्यटन के रूप में भी विकसित करना है। इसके लिए पौधे लगाए जाने हैं।
शामलो कलां में तालाब में भर रहा सीवरेज (Amrit Sarovar Yojana jind) का पानी
गांव शामलो कलां में अमृत सरोवर योजना के तहत तालाब की खोदाइ हो चुकी है। घाट बनना बाकी है। खोदाइ के बाद चारों तरफ जो मिट्टी डालकर जमीन समतल की गई है। उस पर आसपास की महिलाओं ने उपले व गोबर डालना शुरू कर दिया है। इस तालाब में सीवरेज का पानी भी आ रहा है। वहीं तालाब में नहरी पानी डालने के लिए कोई विकल्प नहीं है। टेंडर में भी इसका प्रविधान नहीं किया गया है। गांव के सरपंच बिजेंद्र ने बताया कि तालाब में नहरी पानी डालने के लिए प्रस्ताव तैयार करके भिजवाया गया है।
अधूरा काम होने से पंचायत को हो रहा आर्थिक नुकसान
बुआना गांव के सरपंच एवं सरपंच एसोसिएशन के जिला प्रधान सुधीर बुआना ने बताया कि अमृत सरोवर योजना के तहत गांव में तालाब की खोदाइ का कार्य एक साल से बंद है। अधिकारियों को भी अवगत करवा चुके हैं। काम अधूरा होने की वजह से पंचायत को आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। क्योंकि जब तक काम पूरा नहीं हो जाता, तब तक तालाब को पट्टे पर भी नहीं दे सकते हैं। जो तालाब योजना के तहत चयनित हुआ था, उसकी बजाय दूसरे तालाब में काम किया गया है।
लोगों को किया जाएगा जागरूक : एक्सईएन
पंचायती राज एक्सईएन पोशन कन्यान ने बताया कि अमृत सरोवर योजना के तहत जींद जिले में काफी अच्छा काम हुआ है। कुछ जगहों पर कब्जा करने व तालाबों को दोबारा गंदा करने की शिकायतें हैं। उनको लेकर पंचायत स्तर की इकाइयां और अधिकारी लोगों को जागरूक कर रहे हैं। ग्रामीणों की सुविधा के लिए सरकार अमृत सरोवर योजना पर काम कर रही है। इसलिए ग्रामीणों का इसमें सहयोग भी जरूरी है। आचार संहिता के चलते कुछ कार्यों के टेंडर भी रुके हुए हैं। आचार संहिता हटते ही टेंडर प्रक्रिया पूरी कर काम शुरू करवाए जाएंगे।