Master Ramkishan jind : आर्मी एसएसबी में 36 वीं बटालियन में सीमा प्रहरी का बनाया था लोगो
जींद : मिट्टी कलां में राष्ट्रीय स्तर तक छा जाने वाले लिम्का बुक में रिकार्ड दर्ज करवाने वाले मास्टर रामकिशन (Master Ramkishan jind) का बीमारी के कारण निधन हो गया है। मिट्टी के साथ कलाकृति बनाने में गांव कालवा निवासी मास्टर रामकिशन ने राष्ट्रीय स्तर पर दो बार रिकार्ड दर्ज करवाया है।
मास्टर रामकिशन (Master Ramkishan jind) ने चीन देश के कलाकार द्वारा बनाई गई 6 फुट 7 इंच की मिट्टी की केतली का रिकार्ड तोड़कर 8 फुट 9 इंच केतली बनाकर 26 मई 2014 को रिकार्ड अपने नाम किया था। 23 दिसंबर 2014 को दो मिनट 23 सेकंड में एक हाथ से मिट्टी का गुलदस्ता बनाकर लिम्का बुक में रिकार्ड दर्ज करवाया था। मास्टर रामकिशन खादी बोर्ड मंत्रालय से मान्यता प्राप्त कलाकार थे।
उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में एसएसबी सेना की 36 वीं बटालियन में सीमा प्रहरी का सीसी से स्टेच्यू बनाया, जो अब उस बटालियन का लोगो है। इसी प्रकार बिहार के चंपारण जिला में स्थित बग्गा बार्डर पर एसएसबी की 21 वीं बटालियन में स्टैच्यू बनाकर पूरी सेना का दिल जीत लिया जिस पर खुश होकर सेना सुरक्षा बल के अधिकारियों द्वारा सेना के सर्वोत्तम सम्मान से नवाजा गया। इसके अलावा जी-20 में दूसरे देशों से आए मेहमानों को हरियाणा सरकार की तरफ से दिए जाने वाले स्मृति चिन्ह में हड़प्पा संस्कृति को दर्शाती मोहरें भी मास्टर रामकिशन द्वारा बनाई गई थी।
इन स्मृति चिन्हों को तत्कालीन मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी में पास किया गया था। स्व. रामकिशन डीएवी कलीराम पब्लिक स्कूल सफीदों में बतौर कला अध्यापक के पद पर सेवारत थे। उन्होंने अपने जीवन में लगभग 20 हजार से ज्यादा मूर्तियां बनाकर मिट्टी कलां में ख्याति प्राप्त की।
मास्टर रामकिशन मात्र 20 सेकंड में भगवान गणेश की मूर्ति भी बना देते थे, जो अपने आप में एक उपलब्धि थी। परिजन का कहना है कि सरकार द्वारा इतनी ख्याति प्राप्त कलाकार को कोई आर्थिक सहायता मुहैया नही करवाई गई यह मलाल उन्हे जीवन भर रहेगा।