Jind election Mudda : पिल्लूखेड़ा और उचाना में औद्योगिक क्षेत्र बनाने की सरकार ने बनाई थी योजना
Jind election Mudda : जींद। प्रदेश की राजनीतिक राजधानी। यहां रैलियों के भोंपू तो बहुत सुनाई देंगे, लेकिन उद्योगों में छुट्टी होने के समय बजने वाले हूटर शांतचित हैं। तीन लोकसभा क्षेत्रों के सांसदों को संसद की चौखट तक पहुंचाने वाले मतदाताओं को रोजगार के लिए दूसरे जिलों और राज्यों की दूरी नापनी पड़ती है। इसका बड़ा कारण है कि जिले में बड़े उद्योग ही नहीं लगाए गए। माननीयों ने वोट के लिए तो खूब रिझाया, लेकिन कभी संसद में उद्योग के लिए आवाज बुलंद नहीं की। जिले के माननीयों की केंद्र सरकार में मंत्रियों के रूप में भागीदारी रही, लेकिन जींद को आज भी औद्योगिक विकास (industrial development in jind) की दरकार है।
विकास के मामले में जींद जिला पिछड़ रहा है। इसका प्रमुख कारण है, जींद में औद्योगिक विकास नहीं हुआ। हालांकि जींद में औद्योगिक क्षेत्र है, जो विकसित नहीं हुआ। लोकसभा चुनाव में औद्योगिक रूप से पिछड़ापन भी जिलावासियों का बड़ा मुद्दा है। जिले को हिसार, रोहतक, फरीदाबाद जैसे जिलों की तरह आगे बढ़ना है, तो इसके लिए औद्योगिक रूप (Jind election Mudda) से विकसित होना जरूरी है। भाजपा सरकार में जींद जिले का चारों तरफ हाईवे से जुड़ाव हुआ है। करीब सात नेशनल हाईवे से जुड़ने से जींद जिले से बाकी जिलों में आवागमन आसान हुआ है।
ऐसे में आगामी कुछ साल में बड़े उद्योग जींद (Jind industrial area) में लगने की उम्मीद की जा रही है। जींद में पुराने हांसी रोड पर औद्योगिक क्षेत्र है, जहां 78 प्लाट हैं। इनमें से 30 प्लाट ऐसे हैं, जो खाली हैं या यहां चल रही औद्योगिक यूनिट बंद हो चुकी हैं। जो 48 यूनिट चल रही हैं, उनमें से कई संघर्ष ही कर ही हैं। लेबर और कच्चे माल की भी दिक्कत रहती है। ऐसे में यहां कोई नया उद्याेग लगाने के लिए रुचि नहीं लेता है। जो यूनिट चल रही हैं, उनमें लैदर, मैटल का कार्य अच्छा है। पिछले साल यहां ई रिक्शा बनाने की भी यूनिट लगी है।
लेकिन कुछ दशक पहले जींद में गोहाना रोड पर धागा मिल हाेता था, जहां सैकड़ों लोग काम करते थे। ये धागा मिल बंद हो चुका है। इसी तरह किनाना गांव में पंखे तैयार करने वाली औद्योगिक यूनिट बंद हो चुकी है। किलाजफरगढ़ में भी बड़ी औद्योगिक यूनिट होती थी, जो बंद हो चुकी है। नरवाना में कुछ औद्योगिक इकाइयां हैं, जो ठीक स्थिति में हैं। प्रदेश सरकार (Jind election Mudda) ने पिछले साल पिल्लूखेड़ा में 3800 एकड़ जमीन औद्याेगिक क्षेत्र विकसित करने की योजना बनाई थी। जिसके लिए किसानों से ई भूमि पोर्टल के माध्यम से मांगी थी।
वहीं उचाना में भी 650 एकड़ में औद्योगिक क्षेत्र (Industrial area developed in 650 acres in Uchana) विकसित करने की योजना बनी थी। जिला निवासियों को डर है कि कहीं ये भी केवल घोषणा बनकर ही ना रह जाएं। क्योंकि हुड्डा सरकार के समय भी रोहतक रोड पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाने की घोषणा हुई थी, जो पूरी नहीं हो पाई।
पड़ोसी जिलों से हैं काफी पीछे
जींद उद्योग संघ के प्रधान अभिषेक गोयल ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर तो बढ़ रहा है। जिले काे चारों तरफ से हाईवे से कनेक्टिविटी का भी फायदा मिलेगा। लेकिन इसमें समय लगेगा। फिलहाल जींद जिला हिसार, रोहतक, गुरुग्राम, फरीदाबाद जैसे जिलों की तुलना में औद्योगिक दृष्टि से काफी पीछे है। पहले ही जींद में उद्यमी संघर्ष कर रहे हैं। ऊपर से टैक्स (Jind election Mudda) का बोझ भी ज्यादा है। जीएसटी काफी ज्यादा है। 18 से 28 प्रतिशत तक जीएसटी भरना मुश्किल है।
सुझाव : कैसे मिले जिले में उद्योगों को बढ़ावा (Jind election Mudda)
–जीएसटी में कटौती की जाए।
–सरकार की योजनाएं तो बहुत हैं, जिन्हें धरातल पर लागू करने की जरूरत है।
–औद्योगिक क्षेत्र में बेहतर सड़कें हों, हाईवे से जुड़ाव आसान हो।
–निर्बाध बिजली सप्लाइ दी जाए, कट लगने की वजह से लेबर को खाली बैठना पड़ता है।
–नए उद्योग लगाने के लिए प्रक्रिया आसान की जाए और न्यूनतम ब्याज दर पर आसानी से ऋण उपलब्ध हो।
प्रक्रिया में है पिल्लूखेड़ा में औद्योगिक क्षेत्र की (Jind election Mudda) योजना : राजू मोर
भाजपा जिलाध्यक्ष राजू मोर ने बताया कि पिल्लूखेड़ा में जो 3800 एकड़ में औद्योगिक क्षेत्र विकसित (Industrial area in Pillukheda) करने की सरकार योजना है, उसकी प्रक्रिया चल रही है। फिलहाल ई भूमि पोर्टल पर जमीन खरीद का विकल्प बंद है और कलेक्टर रेट का पोर्टल खुला है। कलेक्टर रेट तय करने के लिए पोर्टल पर लोगों की राय मांगी गई है। कलेक्टर रेट तय होने के बाद जमीन खरीद का पोर्टल खुलेगा। पिल्लूखेड़ा में औद्योगिक क्षेत्र बनने पर पूरे जींद जिले को फायदा होगा। बड़े उद्योग स्थापित होने से युवाओं को रोजगार मिलेंगे।