जानिए किस माह तक आ सकता है किसानों का (compensation for bad crops jind) मुआवजा
compensation for bad crops jind : जींद। जिले में मार्च माह में हुई ओलावृष्टि और वर्षा के बाद गेहूं की फसल खराबे की गिरदावरी के बाद फाइनल रिपोर्ट मुख्यालय भेज दी गई है। इस माह के अंत तक या अगले माह किसानों को फसल खराबे का मुआवजा मिलने की उम्मीद है। मुआवजा सीधे किसानों के खाते में आएगा। क्षतिपूर्ति पोर्टल पर किसानों ने एक लाख 59 हजार 405 एकड़ में गेहूं की फसल खराब होने की शिकायत दी थी।
बता दें कि मार्च माह की शुरुआत में जिले में तेज वर्षा के साथ ओलावृष्टि हुई थी। इसके कारण गेहूं और सरसों की फसल को काफी नुकसान हुआ था। नरवाना और उचाना क्षेत्र में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था। इसके बाद किसान कृषि विभाग और डीसी कार्यालय पहुंचने लगे और फसल खराबे की स्पेशल गिरदावरी की मांग करने लगे। किसानों की मांग पर जिला राजस्व विभाग द्वारा क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला गया। 14 मार्च तक क्षतिपूर्ति पोर्टल पर किसानों ने अपनी फसल खराब (compensation for bad crops jind) होने की शिकायत दर्ज करवाई।
जिले भर में एक लाख 59 हजार 405 एकड़ में फसल खराब होने की शिकायत किसानों द्वारा दी गई, जिसके बाद विभाग ने वेरिफिकेशन का काम शुरू किया। राजस्व विभाग के पटवारियों ने खेतों में मौके पर जाकर गिरदावरी करते हुए फसल खराबे का आकलन किया और इसकी रिपोर्ट तैयार की। पटवारियों द्वारा तैयार की गई फसल (compensation for bad crops jind) खराबे की रिपोर्ट के बाद कानूनगो, संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार, जिला राजस्व अधिकारी, जिला उपायुक्त और कमिशनर द्वारा सत्यापित किया गया। इसके बाद फाइनल रिपोर्ट मुख्यालय भेजी गई।
सात ब्लाकों के 297 गांवों के 29624 किसानों की 160405 एकड़ जमीन है (compensation for bad crops jind) पंजीकृत
ब्लाक का नाम -कुल गांव -कुल किसान -जमीन पंजीकृत एकड़ में
अलेवा -28 -2631 -17929
जींद -67 -3292 -17555
जुलाना -26 -98 -539
नरवाना -59 -6266 -34588
पिल्लूखेड़ा -26 -291 -1716
सफीदों -44 -537 -4145
उचाना -47 -16685 -83929
कुल -297 -29624 -160405
स्लैब के अनुसार हो सकता है मुआवजा वितरण
प्रदेश सरकार ने पिछले साल हुए फसल खराबे का मुआवजा देने के लिए स्लैब बनाई थी, जिसमें शून्य से 24 प्रतिशत तक फसल खराब होने पर किसान को कोई मुआवजा नहीं दिया था। इसके बाद 25 से 32 प्रतिशत की स्लैब बनाई गई थी, जिसमें खराबे की प्रतिशतता अनुसार मुआवजा दिया गया था। 33 से 49 प्रतिशत, 50 से 74 प्रतिशत और 75 से 100 प्रतिशत की स्लैब बनाई थी। इनके अनुसार फसल खराबे का आंकलन कर मुआवजा वितरित किया गया था। इस बार भी किसानों को (compensation for bad crops jind) स्लैब अनुसार ही मुआवजा वितरित किया जाएगा।
किसानों के खाते में आएगी मुआवजा राशि
जिले में फसल खराबे का अभी आकलन लगाना मुश्किल है लेकिन मुआवजा राशि वितरण होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि जिले में कितनी फसल खराब हुई है और किस हिसाब से मुआवजा दिया गया है। मुआवजा राशि सीधे प्रभावित किसानों के खातों (compensation for bad crops jind) में जाएगी। जिन किसानों ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर पंजीकरण करवाया हुआ है, उसी के हिसाब से किसानों की डिटेल पोर्टल द्वारा उठाई जाएगी।
मार्च माह में हुई ओलावृष्टि के बाद पटवारियों द्वारा फसल खराब का आकलन तैयार किया गया। संबंधित क्षेत्र के कानूनगो, तहसीलदार, जिला राजस्व अधिकारी, जिला उपायुक्त और कमिशनर द्वारा सत्यापित करने के बाद फाइनल रिपोर्ट मुख्यालाय भेजी गई है। मुआवजा वितरण मुख्यालय द्वारा किया जाएगा और राशि सीधे किसानों के खाते में आएगी। मुआवजा वितरण के बाद ही उन्हें पता चल पाएगा कि किस हिसाब से राशि वितरित हुई है।
–राजकुमार, जिला राजस्व अधिकारी जींद ।