Jind weather update : जींद में रात को आंधी-तुफान के साथ भारी बारिश, बिजली सप्लाई रही बाधित, रास्तों पर गिरे पेड़, अलेवा में सबसे ज्यादा 28.6 mm बारिश

Clin Bold News
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Jind weather update: Heavy rain with thunderstorm in Jind at night, electricity supply disrupted, trees fallen on roads, highest rainfall of 28.6 mm in Aleva.

Jind weather update : देखें कहाँ कितनी बारिश, आज भी बारिश की संभावना

Jind weather update : जींदमें शुक्रवार देर शाम को मौसम ने अचानक करवट ली और बादल छा गए। इसके बाद तेज आंधी के साथ बारिश शुरू हो गई। करीब सवा घंटे तक बारिश होती रही और इसके साथ ही तेज हवाएं चलती रही। आंधी के कारण कई जगह रास्ते पर पेड़ गिर गए तो वहीं बिजली के पोल गिरने से कई गांवों में रात को बिजली सप्लाई बाधित रही। इससे लोगों की दिक्कत बढ़ गई।

जींद में 5.6 एमएम, नरवाना में 22 एमएम, सफीदों में 6 एमएम, जुलाना में 12 एमएम, उचाना में पांच एमएम, पिल्लूखेड़ा में 21 एमएम, अलेवा में सबसे ज्यादा 28.6 एमएम बारिश (rain in jind) दर्ज की गई।

मौसम विभाग के अनुसार आगामी कुछ दिनों में मौसम परिवर्तनशील रहेगा। जिले में बूंदाबांदी और कहीं-कहीं हल्की बारिश भी हो सकती है। साथ ही तापमान में भी गिरावट आएगी। फिलहाल मंडियों में गेहूं का उठान का कार्य बाकी है।

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रात को हुई बारिश (jind weather update) में मंडियों में गेहूं के बैग भीग गए। शुक्रवार दोपहर बाद तक जिलेभर की मंडियों व खरीद केंद्रों पर करीब 71.66 लाख क्विंटल गेहूं की आवक हो चुकी है। इसमें से लगभग 61.32 लाख क्विंटल गेहूं का उठान हुआ था और 10 लाख क्विंटल गेहू का उठान बाकी है। गेहूं की सरकारी खरीद का समय 15 मई तक है।
Jind weather update: Heavy rain with thunderstorm in Jind at night, electricity supply disrupted, trees fallen on roads, highest rainfall of 28.6 mm in Aleva.
Jind weather update: Heavy rain with thunderstorm in Jind at night, electricity supply disrupted, trees fallen on roads, highest rainfall of 28.6 mm in Alewa.
गेहूं की कटाई के बाद कपास की बिजाई किसान कर रहे हैं। जिन किसानों ने पिछले दो-तीन में कपास की फसल की बिजाई की है, उनमें रात को हुई बारिश (jind rain alert) के बाद अंकुरण में दिक्कत आएगी। ऐसे में किसानों को दोबारा बिजाई करनी पड़ सकती है। वहीं अगेती कपास की फसल में वर्षा फायदेमंद है। फसली सीजन में धूल उड़ने व अन्य कारणों से प्रदूषण का औसतन स्तर भी 150 से ऊपर जा चुका है।

वर्षा होने पर वातावरण साफ हुआ है और प्रदूषण में कमी आई है। कृषि विशेषज्ञ डा. सुभाष चंद्र ने मौसम को ध्यान में रखते हुए किसानों को फिलहाल कपास की फसल की बिजाई रोकने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि बिजाई के बाद वर्षा होने पर बीज के अंकुरण में दिक्कत आ सकती है। वहीं अगेती कपास की फसल, हरे चारे के लिए वर्षा फायदेमंद है।

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