Haryana Sports University : हरियाणा के सोनीपत के राई में स्थित मोतीलाल नेहरू स्पोर्ट्स स्कूल को हरियाणा सरकार द्वारा स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की मान्यता दे दी गई है और यूनिवर्सिटी शुरू हो चुकी है। यूनिवर्सिटी बनाए जाने के बाद जहां हरियाणा के खिलाड़ियों का बहुत मनोबल बढ़ा। साथ ही यूनिवर्सिटी से सभी खेलों में खिलाड़ी बहुत अच्छा प्रदर्शन करेंगे और देश में और मेडलों की संख्या बढ़ सकती है।
राई में मोतीलाल स्पोर्टस स्कूल को यूनिवर्सिटी के रुप में मान्यात
हरियाणा सरकार द्वारा घोषणा की गई थी कि, मोतीलाल नेहरू स्पोर्ट्स स्कूल को यूनिवर्सिटी (Haryana Sports University) बनाया जाएगा और इस निर्णय के तहत प्रदेश को पहले भारत यूनिवर्सिटी दी गई है, जो 250 एकड़ में फैली हुई है। हरियाणा खेल विश्वविद्यालय राई के कुलपति एवं पूर्व डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि, हरियाणा सरकार द्वारा घोषणा की गई है कि हरियाणा खेल विश्वविद्यालय, राई (सोनीपत) द्वारा दिया जाने वाला खेल कोचिंग का डिप्लोमा (पीजीडीएससी) अब प्रतिष्ठित संस्थान नेताजी सुभाष राष्ट्रीय खेल (एनआईएस), पटियाला और देश भर के अन्य यूजीसी-मान्यता प्राप्त खेल विश्वविद्यालयों द्वारा दिए जाने वाले खेल कोचिंग डिप्लोमा के बराबर माना जाएगा। यह ऐतिहासिक निर्णय खेल शिक्षा में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। एनआईएस, पटियाला के डिप्लोमा के बराबर की मान्यता मिलने का मतलब यह ही की हरियाणा खेल विश्वविद्यालय से प्राप्त पीजीडीएससी डिप्लोमा धारकों को अब देश भर में खेल कोचिंग में समान अवसर और मान्यता मिलेगी।
15 जुलाई को भरें जाएंगे आवेदन
हरियाणा खेल विश्वविद्यालय राई के कुलपति अशोक कुमार के मुताबिक, हरियाणा खेल विश्वविद्यालय में प्रवेश के इच्छुक छात्रों प्रवेश हेतु आवेदन फॉर्म को दिनाँक 15 जुलाई, 2024 तक भर सकेंगें अर्थात प्रवेश हेतु आवेदन की तिथि को 21 जून, 2024 से बढ़ाकर 15 जुलाई, 2024 कर दिया गया है। समतुल्यता, विद्यार्थियों को अन्य प्रमुख संस्थानों के स्नातकों के बराबर ही भविष्य बनाने और आगे बढ़ने में सक्षम बनाएगी।
यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त
पूर्व डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक सरकार के इस निर्णय के प्रति आभार व्यक्त किया और बताया कि यह मान्यता हमारे विश्वविद्यालय (Haryana Sports University) और हमारे छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी, यह खेल कोचिंग में शीर्ष स्तरीय शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करने के हमारे संकल्प और कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और समर्पण की बदौलत संभव हो पाया है। इस अधिसूचना से पहले, एलएनआईपीई ग्वालियर और अन्य खेल विश्वविद्यालयों से खेल कोचिंग में डिप्लोमा प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को कोचिंग भर्ती के लिए हरियाणा में मान्यता नहीं दी जाती थी। विश्वविद्यालय को धारा 2(एफ) के तहत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा मान्यता प्राप्त है और यह भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) का एक गौरवशाली सदस्य भी है।
इस यूनिवर्सिटी में इन खेलों की हाेगी तैयारी
अशोक कुमार ने बताया कि नियमित मोड़ और सक्रिय खिलाडिय़ों के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया हाइब्रिड मोड, प्रत्येक में 50 सीटों की क्षमता है। इसके अतिरिक्त, खेल विज्ञान में बैचलर ऑफ साइंस (बीएससी) 50 सीटों के साथ उपलब्ध है। स्नातकोत्तर छात्रों के लिए, मास्टर ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोट्र्स (एमपीईएस) कार्यक्रम में 30 सीटें हैं।
हम खेल कोचिंग में विशेष स्नातकोत्तर डिप्लोमा को भी प्रदान करते हैं, जिसमें एथलेटिक्स, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, बॉक्सिंग, क्रिकेट, फुटबॉल, हैंडबॉल, कबड्डी, लॉन-टेनिस, वॉलीबॉल, कुश्ती और योग जैसे विभिन्न खेल शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक डिप्लोमा में 25 सीटें हैं। इसके अलावा, हम अन्य महत्वपूर्ण विषयों में स्नातकोत्तर डिप्लोमा भी प्रदान कर रहे हैं, जिसमें स्पोर्ट्स साइंस, स्पोर्ट्स न्यूट्रिशन, फिजियोथेरेपी, स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग, और खेल पत्रकारिता शामिल हैं, इस सभी में प्रति डिप्लोमा 20 सीटें उपलब्ध हैं। इसके साथ ही शारीरिक शिक्षा में हमारा पीएचडी कार्यक्रम शोध करने वालों के लिए तीन सीटें प्रदान करता है, इसमें आवेदकों की संख्या के आधार पर अतिरिक्त सीटों की संभावना है।
यूनिवर्सिटी में इन खिलाड़ियों की होगी शुल्क माफी
कुलपति अशोक के मुताबिक, हम भावी छात्रों को पीजीडीएससी कार्यक्रम के लिए आवेदन करने हेतु बढ़ी हुई समय सीमा का लाभ उठाने के लिए भी प्रोत्साहित करते है। आवेदन विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट www.suoh.ac.in के माध्यम से ऑनलाइन जमा किए जा सकते हैं।
कुलपति ने बताया कि विश्विद्यालय राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पदक विजेताओं के लिए छात्रवृत्ति और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खिलाडिय़ों के लिए शुल्क माफ़ी भी प्रदान करता है। इन छात्रवृत्तियों और शुल्क माफी का उद्देश्य असाधारण प्रतिभा और अपने खेल के प्रति समर्पण वाले खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित करने के लिए है।