Highway toll reform 2024 : अगले तीन सालों के भीतर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के सभी हाईवे पर सैटेलाइट टोलिंग सिस्टम लागू करने का लक्ष्य केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने रखा है। इस योजना के लिए अगले दो महीने के भीतर टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस परियोजना का उद्देश्य टोल प्लाजाओं को खत्म करना और सटीक दूरी के आधार पर टोल वसूली सुनिश्चित करना है।
टोल भुगतान प्रणाली में आएगा बदलाव
सैटेलाइट टोलिंग सिस्टम के लागू होने के बाद वाहन चालक जितनी दूरी तय करेंगे, उतनी ही दूरी के हिसाब से टोल का भुगतान करना होगा। फिलहाल, टोल प्लाजा पर तय रेट के आधार पर ही टोल टैक्स देना पड़ता है, भले ही वाहन चालक हाईवे पर कुछ ही किलोमीटर का सफर क्यों न करें।
टोल प्लाजा जाम से मिलेगी मुक्ति
लंबे समय से टोल प्लाजाओं पर ट्रैफिक जाम की समस्या बनी हुई है। टोल प्लाजा पर पीक आवर के दौरान भारी ट्रैफिक दबाव देखा जाता है, जिससे यातायात में अवरोध उत्पन्न होता है। सैटेलाइट टोलिंग सिस्टम लागू होने से इस समस्या से राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि टोल प्लाजाओं को पूरी तरह से हटाने का प्रयास किया जा रहा है।
स्थानीय निवासियों पर आर्थिक दबाव कम करना जरूरी
सैटेलाइट टोलिंग सिस्टम एक बेहतर सुविधा होगी, लेकिन इससे हाईवे या एक्सप्रेस-वे के पास रहने वाले लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ सकता है। 10-15 किलोमीटर की दूरी पर सामान्य रूप से स्थानीय निवासियों की आवाजाही रहती है। इसलिए, सिस्टम विकसित करते समय इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है कि स्थानीय निवासियों पर अतिरिक्त आर्थिक दबाव न पड़े। हाईवे या एक्सप्रेस-वे आबादी वाले क्षेत्रों से के पास रहने वाले लोगों को 10 से 15 किलोमीटर तक यात्रा करने की छूट मिलनी चाहिए।