Wheat seed diseases prevention : किसान भाइयों के लिए जरूरी सलाह: जानिए गेहूं की फसल में कैसे करें बीज जनित रोगों से बचाव और फसल को बनाएं रोगमुक्त

Parvesh Mailk
5 Min Read
Important advice for farmer brothers: Know how to prevent seed borne diseases in wheat crop and make the crop disease free.

Wheat seed diseases prevention : रबी सीजन में गेहूं की बुवाई जोरों पर है और किसानों के लिए यह जानना बेहद महत्वपूर्ण है कि गेहूं के बीज जनित रोगों से कैसे सुरक्षित रहा जा सकता है। गेहूं की फसल में लूज स्मट (खुला कंडवा), करनाल बंट, हैड स्कैब और परण झुलसा जैसे रोग बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा सकते हैं। इन रोगों से बचाव के लिए बीज उपचार आवश्यक है, जो फसल को स्वस्थ और उत्पादक बनाने में मदद करता है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के पूसा समाचार में भी इस पर विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है।

गेहूं के बीज जनित रोग और उनके प्रभाव

1. लूज स्मट (खुला कंडवा): यह एक फफूंद जनित रोग है जिसमें बालियों में काले दाने दिखाई देते हैं। जब फसल में बालियां निकलती हैं, तब यह रोग तेजी से फैलता है। फसल की बालियों पर काले फफूंद स्पोर बनते हैं जो आसानी से अन्य बीजों में फैल सकते हैं और अगली फसल में रोग का खतरा बढ़ा देते हैं।

ये भी पढ़ें :   Top news headlines : ट्रक चालकों के लिए हाईवे किनारे बनेंगे 1000 आधुनिक विश्राम गृह, पीएम मोदी ने की घोषणा

2. करनाल बंट: यह भी एक फफूंद जनित रोग है जिसमें गेहूं के दाने काले पड़ जाते हैं। यह रोग अक्सर कटाई के समय पता चलता है, जब कुछ दाने काले दिखाई देने लगते हैं। यह समस्या फसल की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है और बाजार में विक्रय मूल्य को घटा सकती है।

Important advice for farmer brothers: Know how to prevent seed borne diseases in wheat crop and make the crop disease free.
Important advice for farmer brothers: Know how to prevent seed borne diseases in wheat crop and make the crop disease free.

3. हेड स्कैब: यह रोग नमी वाले क्षेत्रों में अधिक देखा जाता है, विशेषकर पहाड़ी क्षेत्रों में। इस रोग में बालियों पर गुलाबी फफूंद दिखाई देती है जिसे फ्यूजियम कहा जाता है। यह रोग गेहूं की पैदावार और गुणवत्ता पर विपरीत असर डालता है।

4. परण झुलसा (स्पॉट ब्लोच): यह गंभीर रोग फसल की पत्तियों और तनों को प्रभावित करता है। परण झुलसा से उपज पर नकारात्मक असर पड़ सकता है और फसल की गुणवत्ता में कमी आ सकती है।

बीज जनित रोगों से बचाव के लिए आवश्यक बीज उपचार

कृषि विशेषज के अनुसार, बीज उपचार करना फसल को रोगमुक्त रखने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। बीज उपचार के लिए कुछ प्रमुख दवाओं का उपयोग किया जा सकता है, जिनसे रोगों से बचाव संभव हो सकता है।

ये भी पढ़ें :   PM surya ghar yojna : पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत हरियाणा में एक लाख 73499 घरों पर लगेंगे सोलर कनेक्शन

1. रासायनिक उपचार: बीजों को कवकनाशी (फंगी साइड) से उपचारित करें। बीजों पर समान रूप से फंगी साइड छिड़कें और उन्हें हल्का गीला करें ताकि दवा बीजों पर अच्छी तरह चिपक जाए। उपचारित बीजों को छाया में सुखाकर बुवाई के लिए तैयार करें।

2. जैविक उपचार: यदि रासायनिक दवाओं का उपयोग कम करना चाहते हैं, तो ट्राइकोडर्मा विरिडे जैसे जैविक उपचार का विकल्प चुन सकते हैं। इसका उपयोग 4-5 ग्राम प्रति किलो बीज के हिसाब से करें। जैविक उपचार पर्यावरण के अनुकूल होता है और यह रोग नियंत्रण में प्रभावी भूमिका निभा सकता है।

Important advice for farmer brothers: Know how to prevent seed borne diseases in wheat crop and make the crop disease free.
Important advice for farmer brothers: Know how to prevent seed borne diseases in wheat crop and make the crop disease free.

बीज उपचार के फायदे

बीजों का सही तरीके से उपचार करने से फसल में रोगों का प्रकोप कम होता है, उपज बढ़ती है और फसल की गुणवत्ता भी बेहतर होती है। बीज उपचार एक आसान और प्रभावी प्रक्रिया है जो हर किसान के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। इससे न केवल फसल की पैदावार बढ़ती है बल्कि बाजार में भी बेहतर मूल्य प्राप्त होता है।

ये भी पढ़ें :   NHAI toll tax New technology :  एनएचएआई की नई पहल, अब GNSS बेस्ड इलेक्ट्रोनिक सिस्टम वसूलेगा टोल

सही बीज उपचार से गेहूं की फसल रोगमुक्त और स्वस्थ रहती है। यह किसानों को उनकी मेहनत का अच्छा फल देने में सहायक है और कृषि को उन्नत और लाभकारी बनाता है।

Share This Article
Follow:
मेरा नाम प्रवेश है, मैने पिछले साल जनवरी 2023 में मास्टर ऑफ आर्ट जर्नलिजम मासकॉम किया है, तभी से क्लिनबोल्ड से कंटेंट राइटर के तौर से जुड़ा हुआ हूं। इससे पहले पंजाब केसरी में दो महिने कंटेट राइटर का कार्य किया हैं। इसके अतिरिक्त लेखक के तौर पर सामाजिक आर्टिकल और काव्य- संग्रह में भी सक्रिय रहता हूँ।
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *