Oil-Oilseeds prices: आज देश के प्रमुख तेल-तिलहन बाजारों में मूंगफली तेल-तिलहन, आयातित सोयाबीन डीगम तेल और बिनौला तेल की कीमतों में गिरावट देखी गई। ये गिरावट बाजार की मौजूदा स्थिति और कुछ घटनाओं के कारण आई है, जैसे कि कपास के तिलहन के दामों में बदलाव और किसानों द्वारा बिक्री को रोककर सरकारी खरीद का इंतजार करना।
मूंगफली तेल-तिलहन की कीमतें
बाजार सूत्रों के अनुसार, मूंगफली तेल-तिलहन की कीमतें लगभग सात-आठ साल पहले के स्तर पर पहुंच गई हैं, जो कि 5,800-6,000 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास हैं। यह गिरावट तब आई है जब भारतीय कपास निगम (सीसीआई) ने बिनौला तिलहन को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम कीमत पर बेचा, जिससे बाजार धारणा पर असर पड़ा।
तेल-तिलहन बाजार
अभी के समय में, मूंगफली तेल और बिनौला तेल के दाम पाम, पामोलीन जैसे तेलों से भी कम हो गए हैं। इसके पीछे एक प्रमुख कारण है कि बिनौला तिलहन का दाम गिरने से मूंगफली खल की मांग भी कमजोर हुई है और किसानों के लिए स्थिति कठिन हो गई है। मूंगफली तेल का प्रमुख उपयोग गुजरात में होता है, और यहां इसका निर्यात भी किया जाता है। हालांकि, बाजार में कीमतों में गिरावट ने किसानों को परेशान कर दिया है।
सरसों तेल-तिलहन का भाव
वहीं, सरसों तेल और तिलहन में इस समय मामूली सुधार देखने को मिल रहा है। जाड़े की मांग और कम आवक के कारण सरसों तेल की कीमतें थोड़ी बढ़ी हैं, साथ ही किसानों द्वारा माल रोककर सरकारी खरीद के लिए इंतजार करना भी एक कारण है जिससे सोयाबीन तिलहन की कीमतों में सुधार हुआ है।
तेल-तिलहन के दाम (₹ प्रति क्विंटल)
सरसों तिलहन 6,475-6,525
मूंगफली तिलहन 5,975-6,300
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) 14,450
मूंगफली रिफाइंड तेल 2,190-2,490 प्रति टिन
सरसों तेल दादरी 13,500
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी (दिल्ली) 13,350
पामोलिन आरबीडी (दिल्ली) 14,300
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा) 12,100
भारत में आयातित तेलों की कीमतों में भी उतार-चढ़ाव आ रहा है। सोयाबीन डीगम तेल के दाम में गिरावट आई है, जबकि सीपीओ और पामोलीन तेल के दाम पूर्व स्तर पर बने हुए हैं। बाजार की अस्थिरता के कारण इन तेलों के दामों में हलचल देखने को मिल रही है, लेकिन इनका असर मूंगफली और बिनौला तेल पर ज्यादा पड़ा है।