America Historical News : दुनिया में ऐसे कई हैरतअंगेज मामले सामने आते है, जो लोगो काे चौंका देते हैं। बिना सिर के किसी भी इंसान या जानवर का जीना नामुमकिन है। मगर आज से 79 साल पहले अमेरिका के कोलाराडो में कुछ ऐसा ही हुआ था। सुर्खियों में बताया जा रहा है कि, जब एक मुर्गे को काटने के बाद भी वह 18 महीनों तक जिंदा रहा था। इस चमत्कार को देखते हुए इस मुर्गे को माइक द हेडलेस चिकन, उर्फ ”मिरेकल माइक” कहा जाने लगा। जबकि, ल्योय्ड ओस्लेन नाम का एक किसान पॉल्ट्री फॉर्म चलाता था। 18 सितंबर 1945 को उसके घर एक दावत थी। दावत देने के लिए उसने एक मुर्गे को काटा लेकिन उस समय उससे गलती ये हुई कि, उसने मुर्गे को काटने के बाद उसे बॉक्स में रखने की जगह साइड में रख दिया। जिससे मुर्गा वहां से फरार हो गया।
सिर कटने के बाद भी मुर्गा डेट साल जिंदा रहा
हमारे पाठकों को बता दें कि, इस मुर्गे के बच जाने के पीछे का कारण ये था कि, किसान ने उस मुर्गे के सिर का अगला हिस्सा कटा था। काटने के बाद मुर्गे के सिर की जरूरी नसें और एक कान बच गया था। मस्तिष्क के अधिकांश भाग के बरकरार रहने और रक्त के थक्के बन जाने के कारण खून का बहाव रुक गया। जिससे मुर्गा (America Historical News) बच गया। इसके बाद ल्योय्ड को मुर्गे पर दया आ गई और उसने उस मुर्गे की देखभाल करने का मन मना लिया था। ल्योय्ड मुर्गे को ड्रॉप के जरिए दूध और मक्का के दाने देने लगा था।
मुर्गे ने मालिक को बना दिया करोड़पति
मुर्गे ने मरने से अपने मालिक को करोड़ रुपयों का मालिक बना दिया है। जल्द ही माइक नाम का यह हैरतअंगेज मुर्गा (America Historical News) लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गया। दूर-दूर से लोग उस मुर्गे को देखने के लिए आने लगे। जब मुर्गे की ख्याती को ल्योय्ड ने देखा तो वह एक ऐसी मनोरजंन कंपनी से जुड़ गया जो घूम-घूम कर जानवरों के शो दिखाती थी। मुर्गे के कारण से ल्योय्ड की कमाई काफी बढ़ गई। उस समय के दर्जनों अखबरों और टाइम जैसी फेमस मैग्जीन ने भी ल्योय्ड का इंटरव्यू लिया और मुर्गे माइक का फोटो प्रकाशित किया। उस वक्त भी इस मुर्गे की कीमत 10 हजार डॉलर लगाई गई थी।
करोड़पति मुर्गे की मौत कैसे हुई
मालिक के सपने पूरे करने के बाद, एक ऐसा भी दिन आया जब यह चमत्कारी मुर्गे (America Historical News) ने अपने जीवन का अंतिम सांस लिया। मार्च 1947 में एक दिन शो से लौटते वक्त ल्योय्ड एक मोटल में रुका हुआ था। अचानक उसने देखा कि आधी रात को माइक का दम घुटने लगा। दरअसल, मक्का का एक दाना मुर्गे के गले में अटक गया था और ल्योय्ड की बदकिस्मती ये थी कि, उससे अनजाने में खाना खिलाने वाली सिरिंज शो वाली जगह ही छूट गई थी। आखिरकार, सिर कटने के डेढ़ साल बाद उस चमत्कारी मुर्गे माइक की मौत हो गई। मौत के बाद जब मुर्गे का पोस्टमॉर्टम किया गया तो पता चला कि मुर्गे माइक का सिर कटने के बावजूद दिमाग का हिस्सा बाकी रह गया था, जिससे उसकी बॉडी ऑपरेट होती थी।