Delhi-Mumbai Expressway: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, जो देश के दो प्रमुख शहरों को जोड़ने वाली सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक है, का निर्माण तेज गति से जारी है। इस एक्सप्रेसवे के राजस्थान में 327 किलोमीटर के हिस्से को पहले ही खोल दिया गया है, और यह हिस्सा टोल लेकर वाहनों के लिए चालू है।
इस परियोजना की कुल लंबाई 1386 किलोमीटर है और इसे 53 पैकेजों में बांटा गया है। राजस्थान में एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 373 किलोमीटर का हिस्सा जिम्मेदार है, जिसमें 13 पैकेज शामिल हैं। इनमें से 11 पैकेज लगभग पूरे हो चुके हैं, लेकिन पैकेज नंबर 10 और पैकेज नंबर 14 में कुछ देरी हो रही है।
पैकेज नंबर 10 में एनिमल अंडरपास का निर्माण किया जा रहा है, ताकि जानवरों का रास्ता सुरक्षित किया जा सके। पैकेज नंबर 14 में एक 8 लेन लंबी टनल बनाई जा रही है, जो देरी का मुख्य कारण है। इस टनल का निर्माण दिसंबर 2025 तक पूरा होने की संभावना है।
राजस्थान में सवाई माधोपुर के रणथंभौर टाइगर रिजर्व और कोटा जिले में मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के नजदीक ट्रैफिक को कुछ अन्य रास्तों से जाना पड़ेगा। इन क्षेत्रों के आसपास सड़क मार्ग में सुरक्षा के मद्देनजर ट्रैफिक के लिए वैकल्पिक रास्ते तैयार किए गए हैं। दिल्ली से आने वाले वाहन सवाई माधोपुर के पास एक्सप्रेसवे से नीचे उतरेंगे और फिर कोटा-लालसोट मेगा हाईवे पर 60 किलोमीटर की यात्रा करेंगे। इसके बाद वाहन दोबारा एक्सप्रेसवे पर चढ़ेंगे और मंडाना तक पहुंचेंगे।
दरा घाटी में ट्रैफिक का दबाव बढ़ सकता है, क्योंकि यहां से गुजरने वाले वाहन भारी संख्या में होंगे। इस पर नियंत्रण के लिए अंडरपास और सड़क सुधार का कार्य जारी है। एनएचएआई कोटा के प्रोजेक्ट डायरेक्टर संदीप अग्रवाल ने बताया कि पैकेज नंबर 10 का काम लगभग पूरा हो चुका है और जल्द ही इसे यातायात के लिए खोल दिया जाएगा। हालांकि, पैकेज नंबर 14 में टनल के निर्माण के कारण यातायात की शुरुआत 2025 के बाद हो सकती है।