Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में शनिवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य के औद्योगिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए। इन फैसलों के अंतर्गत नए नीतियों को मंजूरी दी गई, राज्य वित्त आयोग का गठन किया गया, और राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में सुधारात्मक कदम उठाए गए।
नई नीतियों का अनुमोदन
राजस्थान एमएसएमई नीति राज्य में छोटे और मंझले उद्योगों के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए। निर्यात संवर्द्धन नीति प्रदेश को एक्सपोर्ट हब बनाने के लिए। एक जिला एक उत्पाद नीति स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए।राजस्थान पर्यटन इकाई नीति राज्य में पर्यटन के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए। एकीकृत क्लस्टर विकास योजना छोटे उद्योगों और कारीगरी को प्रोत्साहित करने के लिए।
7वें राज्य वित्त आयोग का गठन
पंचायती राज संस्थाओं और नगरपालिकाओं के लिए 7वें राज्य वित्त आयोग का गठन किया गया है। इस आयोग की अवार्ड अवधि 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2030 तक होगी।
सिविल सेवा वेतन संशोधन
राज्य सरकार ने राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम-2017 में संशोधन किया है। इसके तहत सेवानिवृत्त आईएएस खेमराज चौधरी की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिशों को मंजूरी दी गई। यह सुधार कर्मचारियों के वेतन विसंगतियों को दूर करने, वेतन सुधारों और पदोन्नति के अतिरिक्त अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से किए गए हैं।
राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल अपॉइन्टमेंट टू सिविल पोस्ट्स रूल्स-2022 में संशोधन
इस संशोधन के तहत संविदा कर्मचारियों को भी राज्य कर्मचारियों की तरह वार्षिक पारिश्रमिक वृद्धि का लाभ मिलेगा। यह संशोधन उन्हें प्रथम वार्षिक वृद्धि एक वर्ष से पहले प्राप्त करने और भविष्य में एक समान वृद्धि की सुविधा प्रदान करेगा।
सरकार का लक्ष्य
राज्य सरकार ने औद्योगिक और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए इन नीतियों के माध्यम से कई पहल की हैं। सरकार का लक्ष्य है कि राज्य में स्थानीय उद्योगों, शिल्प और कारीगरी को बढ़ावा मिले, और राजस्थान को एक प्रमुख एक्सपोर्ट हब के रूप में स्थापित किया जाए। इसके अलावा, पर्यटन क्षेत्र को भी एक नई दिशा देने के लिए कदम उठाए गए हैं।