Haryana Old citizen pension : लोकसभा चुनाव के बाद अब प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियों में सभी राजनीतिक दल जुट गए हैं। इसी क्रम में प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री विशंभर वाल्मीकि ने बुढ़ापा पेंशन बढ़ाने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि, भाजपा सरकार इस समय तीन हजार रुपये मासिक पेंशन दे रही है। उन्होंने कहा कि, पेंशन में बढ़ोतरी के संबंध में भी कोई फैसला लिया जाएगा। वाल्मीकि ने कहा कि, भाजपा सरकार इस समय 3 हजार रुपये मासिक पेंशन दे रही है। उसने अपने चुनाव घोषणा पत्र में जनता से किया वादा पूरा कर दिया है।
लेकिन जिस तरह से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा आए दिन 6 हजार रुपये मासिक पेंशन (Haryana Old citizen pension) देने की बात कहकर जनता को बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं, उसके मद्देनजर मुख्यमंत्री नायब सैनी से मिलकर पेंशन में बढ़ोतरी का तोहफा जनता को देने के संबंध में कोई फैसला लिया जाएगा।
80 हजार लोगों के खातों में पेंशन
- चंडीगढ़ में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए राज्य मंत्री विशंभर वाल्मीकि ने बताया कि, इस समय भाजपा सरकार 31 लाख 50 हजार लोगों को मासिक पेंशन दे रही है।
- अगले महीने करीब 80 हजार लोगों को उनकी पात्रता के आधार पर स्वयं ही उनके खातों में पेंशन आनी आरंभ हो जाएगी।
- 162 करोड़ रुपये के पेंशन घोटाले का जिक्र करते हुए वाल्मीकि ने बताया कि हुड्डा सरकार के इस पेंशन घोटाले में सीबीआइ ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है।
- इस जांच रिपोर्ट को अवलोकन के लिए मंगवाया गया है। यह पड़ताल की जा रही है कि पेंशन घोटाले में कितने अधिकारी शामिल हैं।
- उस पर संज्ञान लेकर दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
फर्जी तरीके से पेंशन लेने वालों पर कार्रवाई
- पेंशन घोटाले में 15 करोड़ रुपये की वसूली की जानी है, जिसमें से कुछ राशि वसूल की जा चुकी है।
- फर्जी तरीके से पेंशन लेने वालों में 1254 लोगों की मृत्यु हो गई है और 554 लाभार्थियों का पता नहीं चल पाया है।
- इस पेंशन घोटाले में समाज कल्याण विभाग के साथ-साथ विकास एवं पंचायत, स्थानीय निकाय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, महिला एवं बाल विकास और राजस्व विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता भी रही है।
- जांच में पता लगा कि वर्ष 1994 से 2012 के बीच 50 हजार 312 ऐसे लोगों को बुढ़ापा पेंशन दी गई जो मर चुके थे।
- 13 हजार 477 पेंशनधारी अपात्र मिले, जबकि 17 हजार 94 ऐसे लोगों को पेंशन जारी की गई, जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं था।
- हालांकि बाद में 13 हजार 477 अपात्र नागरिकों में से 2189 लाभार्थी पात्र पाए गए।