Plot allotment case : प्लाट आवंटन मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने वीरवार को ईडी की याचिका पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) सहित अन्य को नोटिस जारी किया है। याचिका में ईडी ने इन सभी के खिलाफ आरोप तय करने पर लगी रोक को चुनौती दी।
आपको बता दे कि इस मामले में 19 अप्रैल, 2022 को पंचकूला की विशेष अदालत ने आरोप तय (Plot allotment case) करने की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी, लेकिन अब ईडी ने आरोप तय करने की याचिका पर लगाई गई रोक को हटाने की मांग की हैं।
ईडी ने रोक लगाने के इस आदेश को विशेष न्यायाधीश, धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की अदालत में चुनौती दी थी, लेकिन अदालत ने 30 अगस्त, 2023 को उसकी याचिका खारिज कर दी। अब ईडी ने (Plot allotment case) इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। ईडी पीएमएलए 2002 के तहत आरोप तय करने की कार्रवाई फिर से शुरू करना चाहती है।
हाई कोर्ट ने नौ अप्रैल तक मांगा जवाब
सुनवाई के दौरान ईडी के विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) अरविंद मौदगिल ने तर्क दिया कि मनी लाड्रिंग अलग अपराध है, इसलिए कि इस विषय पर सीबीआई जांच की कार्रवाई पर रोक है। ऐसे में पीएमएलए मुकदमे में कार्रवाई को इस आधार पर नहीं रोका जा सकता है। सीबीआइ व ईडी की जांच अलग है। चाहे मामला एक विषय पर ही (Plot allotment case) क्यों न हो। हाई कोर्ट के जस्टिस विकास बहल ने सभी पक्षों को नोटिस जारी कर नौ अप्रैल तक इस मुद्दे पर जवाब मांगा है।
ईडी की विशेष अदालत ने इस मामले में आरोप तय करने की कार्रवाई पर इस आधार पर रोक लगा दी थी कि वर्तमान मामले में जांच अभी भी प्रगति पर है और अपराध की आय का निर्धारण अभी भी (Plot allotment case) लंबित है। एजेएल को पंचकूला में भूखंड आवंटन से संबंधित मामला 22 दिसंबर, 2016 को सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया गया था और सीबीआई ने पांच अप्रैल, 2017 को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) के तत्कालीन अध्यक्ष और वित्तीय आयुक्त टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग, मैसर्स एजेएल, तत्कालीन मुख्य प्रशासक हुड्डा के खिलाफ आईपीसी और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।
सीबीआई ने जांच के बाद एजेएल, कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। इनमें मोतीलाल वोरा का निधन हो चुका है।