HKRN: हरियाणा में सरकारी नौकरी पाने का सपना देखने वालों के लिए यह खबर बहुत महत्वपूर्ण है। हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) ने अपनी भर्ती प्रक्रिया में एक बड़ा बदलाव किया है। अब उम्मीदवारों का चयन 100 अंकों के आधार पर नहीं, बल्कि 80 अंकों के आधार पर किया जाएगा। इस बदलाव का उद्देश्य चयन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाना है। अगर आप भी हरियाणा सरकार में नौकरी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको इस नई प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी होना जरूरी है।
हरियाणा कौशल रोजगार निगम
हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) हरियाणा सरकार का एक महत्वपूर्ण संस्थान है, जिसका उद्देश्य राज्य के युवाओं को अस्थायी और अनुबंध आधारित रोजगार प्रदान करना है। HKRN का मुख्य लक्ष्य सरकारी विभागों में आउटसोर्सिंग की प्रक्रिया को पारदर्शी और कुशल बनाना है। हाल ही में, इस निगम के तहत 103 श्रेणियों में भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है, जिसके लिए योग्य उम्मीदवारों से आवेदन मांगे गए हैं।
100 अंकों की जगह 80 अंक
हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) ने भर्ती प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब उम्मीदवारों का चयन 80 अंकों के आधार पर किया जाएगा। पहले यह प्रक्रिया 100 अंकों पर आधारित थी। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने सामाजिक-आर्थिक मानदंडों के अंकों पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद यह बदलाव किया गया है।
आय के आधार पर अंक
आय ₹1 लाख से कम: 40 अंक
आय ₹1 लाख से ₹1.8 लाख: 30 अंक
आय ₹1.8 लाख से ₹3 लाख: 20 अंक
आय ₹3 लाख से ₹6 लाख: 10 अंक
उम्र, शैक्षणिक योग्यता, CET परीक्षा के अंक
18 से 24 वर्ष 0 अंक
24 से 36 वर्ष 10 अंक
36 से 60 वर्ष 5 अंक
शैक्षणिक योग्यता 5 अंक
CET परीक्षा 10 अंक
स्थानीय जिला प्राथमिकता 10 अंक
भर्ती प्रक्रिया में इनके अंक नहीं मिलेंगे?
इस बार भर्ती प्रक्रिया में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनके तहत अब अनुभव और सामाजिक मानदंडों के लिए अंक नहीं दिए जाएंगे। साथ ही, अनाथ, विधवा या किसी अन्य सामाजिक श्रेणी के उम्मीदवारों को अतिरिक्त अंक देने की प्रक्रिया भी हटा दी गई है।
चुनौतियाँ
अब CET परीक्षा पास करना सभी उम्मीदवारों के लिए आसान नहीं होगा, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं के लिए। इस बार उम्मीदवारों को उनके घरेलू जिले में काम करने की प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे अन्य जिलों में काम करने के लिए योग्य उम्मीदवारों की कमी हो सकती है। सामाजिक मानदंडों को हटाने से कुछ वर्गों के उम्मीदवारों को नुकसान हो सकता है। इससे कुछ समाजिक वर्गों के लिए अवसर सीमित हो सकते हैं।