Birender singh bjp left : जाटलैंड में कांग्रेस ने खेला बड़ा दांव, भाजपा सांसद ने ज्वाइन की कांग्रेस, पिता बीरेंद्र सिंह ने अभी नहीं की भाजपा ज्वाइन

जानिए बीरेंद्र सिंह कब करेंगे ज्वाइन

Birender singh bjp left : हरियाणा में कांग्रेस ने जाटलैंड में बड़ा राजनीतिक दांव खेला है। हिसार से भाजपा सांसद बृजेंद्र सिंह को कांग्रेस ने अपने पाले में कर लिया है। बृजेंद्र सिंह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की मौजूदगी में कांग्रेस का दामन थाम लिया है।

बृजेंद्र सिंह के पिता बीरेंद्र सिंह की गिनती बड़े जाट नेताओं में होती है। हालांकि अभी तक केवल बृजेंद्र सिंह ने ही कांग्रेस ज्वाइन की है। बीरेंद्र सिंह ने अभी भाजपा (Birender singh bjp left) को अलविदा नहीं कहा है। आज शाम को या कल राहुल गांधी के साथ बीरेंद्र सिंह की बैठक होगी। इसके बाद बीरेंद्र सिंह कार्यक्रम रखेंगे आैर उसी दिन भाजपा को अलविदा कह कांग्रेस ज्वाइन करेंगे।

राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी को गठबंधन में शामिल कर भाजपा ने जाट बेल्ट में बड़ा सियासी संदेश देने की कोशिश की। मगर अब हरियाणा के बड़े जाट नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह (Birender singh bjp left) ने बड़ा सियासी दांव चल दिया है। रविवार को चुनाव समिति की बैठक से ठीक पहले उनके बेटे ने भाजपा को अलविदा कह दिया।

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बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह हिसार से सांसद है और पूर्व आईएएस अधिकारी भी रह चुके हैं। वह कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। लोकसभा चुनाव और हरियाणा विधानसभा से पहले बीरेंद्र सिंह परिवार की भाजपा से दूरी एक बड़ा झटका है। सियासी जानकारों के मुताबिक भाजपा हिसार से बृजेंद्र सिंह का टिकट काट सकती थी। टिकट का एलान होने से पहले ही उन्होंने पार्टी को अलविदा कह दिया।

बृजेंद्र सिंह के पिता बीरेंद्र सिंह 1977 में कांग्रेस के टिकट पर उचाना कलां से चुनाव लड़े थे और बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। इसके बाद वह 1982 में फिर विधायक बने और प्रदेश में सहकारिता और डेयरी विकास मंत्री बने थे। 1984 में उन्होंने हिसार लोकसभा सीट से ओमप्रकाश चौटाला को हराया था। 1991 में वह फिर से विधायक बने और राजस्व व योजना मंत्री बने। अपने पांचवें कार्यकाल में वह 2005 में विधायक बने थे। उन्होंने वित्त, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय संभाला था।

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2010 में उनको राज्यसभा सदस्य चुना गया। 2013 में बीरेंद्र सिंह केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री बने। 28 अगस्त 2014 को उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद वह 29 अगस्त 2014 को भाजपा का दामन थाम लिया। भाजपा ने 2016 में बीरेंद्र सिंह को राज्यसभा सदस्य बनाया। इस दौरान वह केंद्रीय इस्पात मंत्री बने। 2019 में उनके बेटे बृजेंद्र सिंह हिसार लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद बने। इसके बाद बीरेंद्र सिंह ने राज्यसभा से (Birender singh bjp left) भी इस्तीफा दे दिया था।

 

भाजपा-जजपा गठबंधन ने बिगाड़े समीकरण

बीरेंद्र सिंह का मुख्य गढ़ उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र है। यहां से उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला विधायक हैं। भाजपा-जजपा का इस समय प्रदेश में गठबंधन हैं। बीरेंद्र सिंह, उनके बेटे सांसद बृजेंद्र सिंह और उनकी पत्नी पूर्व विधायक प्रेमलता बार-बार भाजपा-जजपा गठबंधन तोड़ने पर जोर दे चुके हैं,

क्योंकि अगर गठबंधन में विधानसभा चुनाव हुए तो उचाना कलां से उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ही चुनाव लड़ेंगे और प्रेमलता को भाजपा का टिकट नहीं मिल सकता। अपनी पत्नी को भाजपा का टिकट दिलाने के लिए बीरेंद्र सिंह भाजपा पर दबाव बना रहे थे।

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