Haryana soldiers doing Kanyadaan : हरियाणा में एक गांव के 25 फौजियों ने मिलकर करवाई गरीब कन्या की शादी, कन्यादान कर निभाया फर्ज

Parvesh Mailk
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हरियाणा में एक गांव के 25 फौजियों ने मिलकर करवाई गरीब कन्या की शादी कन्यादान कर निभाया फर्ज

पहले भी शादी में कर चुके आर्थिक मदद, फौजियों ने बताया क्यों करते हैं ये काम

Haryana soldiers doing Kanyadaan : हरियाणा ही नहीं पूरे भारत में जब भी फौजी शब्द जुबान पर आता है तो सीधे ख्याल सरहद पर देश की रक्षा में तैनात जवानों की तरफ चला जाता है। फौजी यानी भारत माता का ऐसा सच्चा सिपाही जो मातृभूमि की रक्षा की रक्षा के लिए सरहद पर तैनात रहते हैं।

देश की सीमाओं पर सुरक्षा करने वाले जवान अब समाज सेवा में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। भारतीय सेना में ड्यूटी पर तैनात गांव के करीब 25 जवानों का एक ग्रुप गरीब अनाथ बेटियों की शादी में मदद कर रहा हैं। जिससे इन फौजियों की हर जगह तारीफ हो रही है। गत 28 फरवरी को जवानों के इस ग्रुप ने गांव बिछौर की रहने वाले एक गरीब परिवार की बेटी का कन्यादान (Haryana soldiers doing Kanyadaan) किया। जिसमें एक बेहद जरुरी सामान गैस चूल्हा और सिलेंडर दिया गया।

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परिवार ने यह उपहार पाकर न केवल फौजियों को तारीफ की बल्कि उन्हें भगवान बताया। परिवार की एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। जिसमें परिवार के लोग देश के इन जवानों की तारीफ करते नहीं थक रहे है। यह छोटी सी वीडियो लगातार चर्चाएं बटोर रही है।

इस ग्रुप को शुरू करने वाले गांव बिछौर के 28 वर्षीय फौजी (soldiers) मुजाहिद ने बताया कि ऐसे परिवार को बेहद गरीब है यह ग्रुप उनकी मदद करता हैं। अभी इस ग्रुप की शुरुआत की गई। सभी सदस्य हर माह अपनी सैलरी से कुछ पैसे जमा करवाते हैं। जिसके बाद गांव और आस-पास जरूरतमंदों का पता लगाकर उनके पास मदद पहुंचाई जाती है। इससे पहले भी उनका ग्रुप कई बेटियों का कन्यादान (Haryana soldiers doing Kanyadaan) कर चुका।

ग्रुप के सदस्यों ने बताया क्यों करते हैं ये काम

ग्रुप के सभी सदस्य दहेज प्रथा को एक कुप्रथा समझते हैं। इसलिए विवाह में कन्यादान के रूप में बेहद जरुरी सामान उपहार के रूप में दिया जाता है। वहीं गांव के ही रहने वाले फौजी रवि कुमार ने उनका जीवन गरीबी में बीता। पिता ने मजदूरी कर पढ़ाया और बड़ी गरीबी में माता-पिता ने पालन-पोषण किया।

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जिसके बाद मात्र 19 वर्ष की आयु में ही रवि कुमार फौज में भर्ती हो गए थे। गरीब परिवारों की मदद हो इसी उद्देश्य वह इस ग्रुप में शामिल हुए है। फौजियों ने बताया कि जैसे जैसे उनको पता लगा वैसे-वैसे यह ग्रुप दिन-प्रतिदिन बढ़ता चला गया। ग्रुप में एक-एक करके आज गांव में जितने भी फौजी है सभी जुड़े गए है।

ऐसे करते हैं मददउन्होंने बताया कि वह भले ही सरहदों पर रहे लेकिन जैसे ही उनके कोई सूचना पहुंचती वो ग्रुप में चर्चा करते है और जरुरतमंदो तक मदद पहुंचाते है। इसके साथ वह अब समाजसेवी लोगों भी अपने साथ जोड़ने का मन बना रहे है। ताकि बड़े स्तर पर वह जरुरतमंदो की मदद कर सके।

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मेरा नाम प्रवेश है, मैने पिछले साल जनवरी 2023 में मास्टर ऑफ आर्ट जर्नलिजम मासकॉम किया है, तभी से क्लिनबोल्ड से कंटेंट राइटर के तौर से जुड़ा हुआ हूं। इससे पहले पंजाब केसरी में दो महिने कंटेट राइटर का कार्य किया हैं। इसके अतिरिक्त लेखक के तौर पर सामाजिक आर्टिकल और काव्य- संग्रह में भी सक्रिय रहता हूँ।