Indian Hockey player Neha Goyal Wedding : भारतीय महिला हॉकी टीम की खिलाड़ी व ओलंपियन नेहा गोयल ने अपने हमसफर का चुनाव कर लिया है। जीटी रोड स्थित एक होटल में वीरवार को साधारण से कार्यक्रम में नेहा गोयल की करनाल के रहने वाले सुनील के साथ सगाई हुई। कार्यक्रम में केवल पारिवारिक लोग एवं कुछ अन्य नजदीकी लोगों को ही आमंत्रित किया गया था। पाठकों को बता दें कि, एशियाई खेलों की सिल्वर पदक विजेता नेहा गोयल के जीवन साथी सुनील भी हॉकी खिलाड़ी हैं और खेल कोटे से ऑडिट विभाग में कार्यरत हैं। जल्द ही ये दोनों शादी के बंधन में बंधेंगे।
नेहा का अतित से अब तक का हॉकी सफर
नेहा गोयल का अतीत हर किसी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। 11 साल की उम्र में उधार की हॉकी (Indian Hockey player Neha Goyal Wedding) पकड़ने वाली नेहा गोयल ने भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान प्रीतम सिवाच के सानिध्य में ऐसा खेल सीखा कि, 2014 में सिर्फ 18 साल की उम्र में भारतीय टीम का हिस्सा बन गई। एफआईएच चैंपियंस चैलेंज के जरिए ग्लासगो में पहला मैच खेलने वाली नेहा ने फिर पीछे मुड़ कर नहीं देखा।
लंदन में 2018 के विश्व कप में भी वह भारतीय टीम का हिस्सा थी। अपने शुरूआती मैच में इंग्लैंड के खिलाफ गोल कर भारत को बढ़त दिलाई थी। इसके अतिरिक्त 2018 के एशियाई खेलों में रजत, 2022 के एशियाई खेलों में कांस्य पदक, 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक, 2017 के एशिया कप में स्वर्ण, 2022 के एशिया कप में कांस्य पदक जीत चुकी है।
नेहा की पारिवारिक स्थितियाें की कहानी
- पाठकों को बता दें कि, वेस्ट रामनगर में रहने वाली सावित्री देवी के पति लगभग 15 साल पहले घर छोड़कर चले गए थे।
- उसके बाद घर की पूरी जिम्मेदारी सावित्री के सिर पर आ गई और वह किसी तरह मजदूरी करके अपना व तीन बेटियों का पेट भरने लगी।
- सावित्री की छोटी बेटी नेहा गोयल ने 9 साल की उम्र में घर के पास ही चलने वाली हॉकी एकेडमी में लड़कियों को खेलता देखकर खुद भी खेलने की इच्छा जताई।
- लेकिन किसी तरह परिवार चला रही सावित्री देवी के लिए बेटी को प्रैक्टिस कराने के साथ ही किट व अन्य सामान दिलाने के लिए फूटी कौड़ी तक नहीं थी।
- इसके बावजूद सावित्री देवी ने बेटी को हॉकी खेलने भेजना शुरू किया और खुद दो-दो फैक्ट्रियों में नौकरी की।
जूनियर होते हुए हॉकी में जीते कई पदक
- नेहा ने हॉकी में इतनी तेजी से मुकाम हासिल किया कि, उसने 14 साल की उम्र में जूनियर नेशनल खेलने के बाद 2011 में जूनियर एशिया कप खेला और उसमें देश को कांस्य पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
- उसी साल खेले गए अंडर-21 अंतर्राष्ट्रीय लाल बहादुर शास्त्री कप में भी नेहा गोयल को जगह मिली और उसमें न्यूजीलैंड, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया जैसी टीमों को हराकर देश को चैंपियन बनाया।
- इसमें नेहा को बेस्ट प्लेयर का अवार्ड भी मिला। वर्ष-2016 में हुए साउथ एशियन गेम्स में देश को चैंपियन बनाने में नेहा गोयल का अहम योगदान रहा।
- नेहा फारवर्ड पॉजिशन पर खेलती हैं और वह सीनियर टेस्ट मैच, चैंपियन कप समेत अन्य चैंपियनशिप में भी देश के लिए खेल चुकी हैं। इस समय भी वह रेलवे की ओर से खेलती हैं, क्योंकि रेलवे ने खेल कोटे से नौकरी दी।